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घोटाले की भेंट चढ़ा स्कूल, टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर बच्चे

मध्य प्रदेश में सरकार के साथ व्यवस्था बदलने की बात हो रही है, लेकिन प्रदेश का एक इलाका ऐसा भी है जहां सुविधाओं के अभाव में छोटे-छोटे बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
03 Jul 2019, 11:54:35 AM (IST)

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में सरकार के साथ व्यवस्था बदलने की बात हो रही है, लेकिन प्रदेश का एक इलाका ऐसा भी है जहां सुविधाओं के अभाव में छोटे-छोटे बच्चे टेंट के नीचे पढ़ाई करने को मजबूर हैं. मामला देवास जिले का है, जहां जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर डोकर खेड़ा गांव में संचालित सरकारी स्कूल भ्रष्टाचारियों की वजह से अधूरा ही बन पाया.

शासकीय माध्यमिक विद्यालय डोकर खेड़ा जन शिक्षा केंद्र शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय अमला ताज के अंतर्गत आता है. इस स्कूल में कुल छठी से आठवीं तक 59 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. स्कूल में दो टीचर और एक अतिथि शिक्षक है. स्कूल की बिल्डिंग का काम 2007 में शुरू हुआ था. खिड़की-दरवाजे और दीवारें तो खड़ी हो गई, लेकिन आसमानी आफत से बचाने वाली छत अभी तक नहीं बनी. ऐसे में अब दीवारें और खिड़की-दरवाजे गिरने लगे हैं.

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आरोप है कि स्कूल की बिल्डिंग के निर्माण का पैसा गांव के सरपंच और मंत्री डकार गए. ग्रामीणों ने बताया जिस सरपंच के कार्यकाल में यह बिल्डिंग बनी थी, उस सरपंच की मौत हो चुकी है. उस समय मंत्री रहे विक्रम सिंह नायक के खिलाफ इसी मामले को लेकर रिकवरी हुई थी. मंत्री को कुछ दिनों के लिए जेल भी जाना पड़ा था, लेकिन मिलीभगत के कारण फिर मंत्री जी बाहर आ गए.

यह गांव पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी के क्षेत्र में आता है. ग्रामीणों ने बताया कि पद पर रहते हुए हमने मंत्री जी को कई बार इस समस्या से अवगत करवाया, लेकिन मंत्री जी ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. इसके अलावा हेल्पलाइन नंबरों पर भी शिकायत की गई, फिर भी इसका कोई निराकरण नहीं हो पाया. ग्रामीणों का कहना है कि भवन के खिड़की और दरवाजे गल चुके हैं, जबकि दीवारें ढहने लगी हैं. उन्होंने बताया कि बच्चे सालों से टेंट के नीचे पढ़ाई कर रहे हैं. बारिश के मौसम में पानी आने पर या तो छुट्टी कर दी जाती है या फिर पास के निजी भवन में बच्चों को पढ़ाया जाता है.

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उधर, इस मामले में देवास कलेक्टर श्रीकांत पांडे का कहना है कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है और अगर कहीं कमी है तो उसे हम तत्काल दुरुस्त करवाएंगे. आप यह मामला संज्ञान में लाए हैं तो तत्काल कार्रवाई करेंगे. उन्होंने कहा कि एक-दो दिन में उन बच्चों की बैठने की उचित व्यवस्था करा दी जाएगी.

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