.

मध्य प्रदेश में बीजेपी को बड़ा झटका, विधायक शरद कोल ने दिया इस्तीफा

मध्य प्रदेश में बीजेपी विधायक शरद कोल ने दिया इस्तीफा, स्पीकर ने किया मंजूर

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Mar 2020, 12:37:13 PM (IST)

नई दिल्ली:

मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट अपने चरम पर पहुंच गया है. इस बीत बीजेपी विधायक शरद कोल ने इस्तीफा दे दिया है जिसे विधानसभा स्पीकर ने मंजूर भी कर लिया है. बीजेपी के लिए ये बड़ा झटका माना जा रहा है. हालांकि इसके बावजूद सीएम कमलनाथ के आंकड़ों में कोई खास फर्क नहीं पड़ा है. इससे पहले गुरुवार को स्पीकर ने कांग्रेस के 16 बागी विधायकों का इस्तीफा मंजूर कर लिया जिसके बाद कांग्रेस में  बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है.

वहीं दूसरी तरफ गुरुवार रात को जारी की गई विधानसभा की कार्यसूची में फ्लोर टेस्ट का जिक्र था. बातया जा रहा है कि आज यानी शुक्रवार को दोपहर 2 बजे  फ्लोर टेस्ट होगा. लेकिन उससे पहले सीएम कमलनाथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं. माना जा रहा है कि इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में कमलनाथ स्तीफा दे सकते हैं.

यह भी पढ़ें: फ्लोर टेस्ट से पहले कमलनाथ ने मानी हार, प्रेस कांफ्रेंस कर इस्तीफे का ऐलान

बता दें, इससे पहले मध्य प्रदेश के जनसंपर्क मंत्री पी. सी. शर्मा ने दावा किया कि, विधानसभा में कांग्रेस बहुमत साबित करेगी. भाजपा ने सरकार को गिराने के लिए हॉर्स नहीं, बल्कि एलीफेंट ट्रेडिंग की है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर शुक्रवार की दोपहर को दो बजे विधानसभा में विश्वास मत पर मतदान होना है.

शर्मा ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, 'कांग्रेस के संपर्क में भाजपा के विधायक हैं और कांग्रेस को आवश्यक विधायकों का समर्थन हासिल है. विधानसभा में कांग्रेस को 105 विधायकों का समर्थन मिलेगा. कांग्रेस फ्लोर टेस्ट में सफल होगी.'
र्मा ने आगे कहा, 'राज्य के 22 विधायकों ने एक साथ इस्तीफा दिया है, यह अपने तरह का राजनीतिक घटनाक्रम है. सभी विधायकों के इस्तीफे मंजूर हो चुके हैं. भाजपा ने हॉर्स नहीं बल्कि एलीफेंट ट्रेडिंग की है.'

यह भी पढ़ें: मध्य प्रदेश कांग्रेस के बागी विधायक के लिए बुरी खबर, बेटी ने फंदे पर लटककर जान दे दी

राज्य के विधायकों का अंकगणित देखें, तो विधानसभा में वर्तमान में 206 विधायक है, जिसमें बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरुरत है. भाजपा के पास 106 विधायक हैं. इस तरह भाजपा को बहुमत नजर आ रहा है. वर्तमान में 206 विधायकों में भाजपा के 106, कांग्रेस के 92, बसपा दो, सपा एक और चार निर्दलीय विधायक हैं. कांग्रेस को अपने सहयोगियों का समर्थन जारी रहता है तो कांग्रेस का आंकड़ा 99 तक ही पहुंचता है.