.

हेमंत सोरेन कैबिनेट की पहली बैठक में लिए गए कई बड़े फैसले, अब छात्रों की नहीं रुकेगी पढ़ाई

मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई थी. पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए

News Nation Bureau
| Edited By :
29 Dec 2019, 07:07:21 PM (IST)

रांची:

हेमंत सोरेन झारखंड के 11वें मुख्यमंत्री बन गए. उन्होंने रविवार के सीएम पद एवं गोपणीयता की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में सभी विपक्षी दल के नेता पहुंचे थे. मुख्यमंत्री बनने के बाद हेमंत कैबिनेट की पहली बैठक आयोजित की गई थी. पहली बैठक में कई अहम फैसले लिए गए. बैठक में तया हुआ कि स्टीफन मरांडी प्रोटेम स्पीकर होंगे. सदन का विशेष सत्र 6 जनवरी से 8 जनवरी तक होगा.

यह भी पढ़ें- बिहार : लखीसराय में नक्सलियों ने दो लोगों की गोली मारकर हत्या की

वहीं कैबिनेट में ये भी फैसला लिया गया कि CNT और पत्थलगड़ी के विरोध में दर्ज मामले भी वापस होंगे. सरकारी नियुक्तयों को भरने का फैसला लिया गया. नए फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का भी अहम फैसला लिया गया. अनुबंधकर्मियों को लंबित वेतन जल्द मिलेगा. जरूरतमंदों के लिए कंबल और अलाव की व्यवस्था का निर्देश दिए गए. झारखंड के प्रतीक चिन्ह को नया स्वरूप देने का निर्देश दिया गया. छात्रों को लंबित छात्रवृति जल्द दिया जाएगा.

यह भी पढ़ें- VIDEO: दादा साहेब फाल्के से सम्मानित अमिताभ बच्चन बोले- अभी थोड़ा काम बाकी है जिसे पूरा करना है 

बता दें कि हेमंत सोरेन झारखंड के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं. उन्होंने पांच साल पहले झारखंड विधानसभा का चुनाव हारने के बाद 23 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था. पांच साल के बाद स्थिति बदली. विधानसभा चुनाव में भाजपा अकेले चुनाव में उतरी और उसे करारी हार मिली. झामुमो नेता सोरेन ने कांग्रेस और राजद के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा और पूर्ण बहुमत हासिल किया.

यह भी पढ़ें- प्रियंका से यूपी पुलिस की धक्का-मुक्की को लेकर रॉबर्ट वाड्रा हुए परेशान, कही ये बात

हेमंत सोरेन ने 38 वर्ष की उम्र में पहली बार 13 जुलाई, 2013 को झारखंड के मुख्यमंत्री का पद संभाला था. वह इस पद पर 23 दिसंबर, 2014 तक बने रहे और कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर वह 28 दिसंबर, 2014 तक पद पर बने रहे. दस अगस्त 1975 को जन्मे सोरेन पूर्व केन्द्रीय मंत्री और झारखंड के तीन बार मुख्यमंत्री रहे शिबू सोरेन के पुत्र हैं. शिबू सोरेन ने राज्य की कमान तीन बार संभाली, लेकिन एक बार भी वह सरकार चला नहीं सके. हेमंत ने यहां बीआईटी में इंजीनियरिंग में प्रवेश लिया था, लेकिन वह अपनी शिक्षा पूरी नहीं कर सके.