राजद्रोह का केस दर्ज होने के बाद जफरूल खान ने कही ये बात
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान (zafarul islam khan ) ने रविवार को जोर देते हुए कहा कि ‘‘गिरफ्तार होने या जेल जाने’’ की परवाह नहीं करते हुए ‘नफरत की राजनीति’ के खिलाफ वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे.
दिल्ली:
दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष जफरूल इस्लाम खान (zafarul islam khan ) ने रविवार को जोर देते हुए कहा कि ‘‘गिरफ्तार होने या जेल जाने’’ की परवाह नहीं करते हुए ‘नफरत की राजनीति’ के खिलाफ वह अपनी लड़ाई जारी रखेंगे. दरअसल, एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर दिल्ली पुलिस ने राजद्रोह के आरोप के तहत उनके खिलाफ एक मामला दर्ज किया है.
उन्होंने यह भी कहा कि मीडिया के एक हिस्से ने यह गलत खबर जारी की कि उन्होंने अपने संबद्ध ट्वीट को हटा दिया है. उन्होंने कहा कि वह इसकी विषय-वस्तु पर कायम हैं. खान ने रविवार को एक फेसबुक पोस्ट में कहा, ‘मैं देश में नफरत की राजनीति के खिलाफ लड़ाई, वर्तमान और भविष्य में भी, जारी रखूंगा. प्राथमिकी, गिरफ्तारी और जेल मे डाला जाना इस रास्ते को नहीं बदलेगा, जो मैंने अपने देश, अपने लोगों, भारत की धर्मनिरपेक्ष राजनीति तथा संविधान को बचाने के लिये वर्षों पहले अपने होशोहवास में इसे चुना था.'
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30 अप्रैल को दर्ज की गई प्राथमिकी
पुलिस ने वसंत कुंज निवासी एक व्यक्ति की शिकायत मिलने के बाद खान के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए (राजद्रोह) और 153ए (धर्म, नस्ल और जन्म स्थान के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता भड़काने) के तहत 30 अप्रैल को एक प्राथमिकी दर्ज की.
राजद्रोह का केस दर्ज किया गया है
पुलिस ने बताया कि प्रथमिकी में, शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि खान का पोस्ट ‘‘भड़काऊ’’, ‘‘इरादतन’’ और राजद्रोह वाला था तथा यह समाज के सौहार्द को बिगाड़ने और उसे विभाजित करने के मकसद से था. खान गत मंगलवार को अपने उस ट्वीट को लेकर विवादों में घिर गए थे, जिसमें उन्होंने देश में मुसलमानों के कथित उत्पीड़न का दावा किया था.
अपने पोस्ट के लिए जफरूल खान ने मांगी थी माफी
खान ने 28 अप्रैल के अपने ट्वीट में कुवैत को भारतीय मुसलमानों के साथ खड़ा रहने को लेकर धन्यवाद दिया था. उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट भी साझा किया, जिसके चलते भाजपा ने उनकी आलोचना की और दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के पद से हटाने की मांग की. अपने पोस्ट के लिये माफी मांग चुके खान ने कहा कि उन्होंने ऐसा इसकी विषय-वस्तु को लेकर नहीं किया, बल्कि इसलिए किया कि यह गलत समय पर और देश के एक मेडिकल आपात स्थिति का सामना करने के बीच किया गया.