logo-image

चीन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर किया शोध, इस दवा के बारे में जो बातें सामने आई वो हैरान करने वाली है

चीन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ)दवा को लेकर शोध किया. इस शोध के मुताबिक कोरोना के इलाज में यह बेहद ही सहायक साबित हो रहा है.

Updated on: 03 May 2020, 11:49 PM

नई दिल्ली:

चीन ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) दवा को लेकर शोध किया. इस शोध के मुताबिक कोरोना के इलाज में यह बेहद ही सहायक साबित हो रहा है. चीन के शोध के मुताबिक इस एंटी-मलेरिया दवा की वजह से करोना वायरस (coronavirus) के गंभीर मरीजों में मृत्यु दर कम करने में खासी भूमिका निभाई.

वुहान के टोंगजी अस्पताल के 568 कोरोना मरीजों पर यह शोध हुआ. 1 फरवरी से 8 अप्रैल के बीच यह शोध करने के बाद पता चला कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाएं इलाज में काफी असरदार है. शोध के मुताबिक क्लिनिकल विश्लेषण के तहत सभी मरीजों को तुलनात्मक बुनियादी इलाज दिए गए. इसमें एंटीबॉयोटिक और एंटीवायरल दवाएं शामिल थीं. उनमें से 48 मरीजों ने 7 से 10 दिन के लिए मुंह से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ली.

इसे भी पढ़ें:किसानों के लिए खुशखबरी! सरकार की इन योजनाओं से मिलेंगे 31 हजार रुपए

शोध में पाया गया कि जो मरीज हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे थे और जिनका इलाज इसके बैगर हो रहा था. उनके मृत्यु दर में अंतर पाया गया. गैर-हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन समूह के ज्यादा लोगों की मौत हुई. गैर-HCQ समूह में मृत्यु दर 43.5 प्रतिशत थी, वहीं HCQ समूह में मृत्यु दर 18.8 प्रतिशत ही रही.

शोधकर्ताओं की मानें तो जो मरीज बेहद ही गंभीर स्थिति में हैं उसका इलाज अगर हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से की जाती है तो उनपर ज्यादा असर हो रहा है. शोध में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से करने की सिफारिश की गई है.

हालांकि यह शोध अभी प्रकाशित नहीं हुई है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो चीन के विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, नेचर साइंस फाउंडेशन और मा यून फाउंडेशन से मिले फंड से किए गए इस शोध को समकक्ष समीक्षा के लिए ‘चाइना लाइफ साइंस जर्नल’ को भेजा गया है.

और पढ़ें:नालियों में बहाई जा रही हैं बीयर, 700 करोड़ रुपए की अंग्रेजी शराब यहां है अटकी

इधर, अमेरिका में कई अस्पताल कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के इलाज में मलेरिया के उपचार में काम आने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन का इस्तेमाल कर रहे हैं. मीडिया में आई एक रिपोर्ट में यह जानकारी मिली है. चिकित्सा पत्रिका ‘एमडेज’ में शुक्रवार को प्रकाशित एक खबर के अनुसार, मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन (एचसीक्यू) और तोसीलिजुमैब दवा से येल न्यू हेवन हेल्थ सिस्टम के अस्पतालों में कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों का इलाज हो रहा है.