मुंगेर में फिर भड़की हिंसा, उग्र भीड़ ने फूंका थाना, डीएम-SP दोनों हटाए गए
उपद्रवियों ने एसपी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ के बाद एसडीओ आवास में भी उत्पात मचाया है. इतना ही नहीं, उग्र भीड़ ने एक थाने पर पथराव किया.
मुंगेर:
बिहार के मुंगेर में एक बार फिर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा है. बताया जा रहा है कि बीते दिन हुई गोलीबारी के विरोध में आज सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए और जमकर हंगामा किया. मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने से नाराज भीड़ ने मुंगेर के पुलिस अधीक्षक के कार्यालय पर धावा बोला है. उपद्रवियों ने एसपी दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ के बाद एसडीओ आवास में भी उत्पात मचाया है. इतना ही नहीं, उग्र भीड़ ने एक थाने पर पथराव किया और फिर वहां मौजूद तमाम गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है. लोगों की भीड़ को काबू करने के लिए बड़ी संख्या में पुलिस फोर्स को मौके पर बुलाया गया है.
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बताया जा रहा है कि आज सैकड़ों लोगों ने बीते दिन हुई घटना में आरोपियों की गिरफ्तारी न होने पर पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया. इसी दौरान अचानक से भीड़ उग्र हो गई और पुलिस कार्यालय के आगे लगे बोर्ड को भी उखाड़ फेंका. इसके बाद भीड़ पूरब सराय थाने बढ़ी और थाने के सामने खड़ी गाड़ियों में आग लगा दी. इस घटनाक्रम से वहां पूरे इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया है. इस बीच मुंगेर के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को हटा दिया गया है. साथ ही मामले की जांच मगध के डिविजन कमिश्नर को सौंपी गई है.
Election Commission of India (ECI) orders immediate removal of SP & DM of Munger. An inquiry has been ordered into the incident by Asangba Chuba Ao, Divisional Commissioner, Magadh that has to be completed with the next seven days. New DM & SP to be posted in Munger today itself. https://t.co/hQicA6zArM
— ANI (@ANI) October 29, 2020उल्लेखनीय है कि बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के एक दिन पहले मंगलवार को मुंगेर जिले में देवी दुर्गा की मूर्ति विसर्जन के दौरान हंगामा हो गया था. इस दौरान गोलीबारी और पथराव हुआ, जिसमें एकत व्यक्ति की मौत हो गई. स्थानीय लोगों का आरोप है कि 20 साल के एक युवक की मौत पुलिस गोलीबारी में हुई है. जबकि प्रशासन का कहना है कि वह भीड़ के बीच से किसी के द्वारा चलाई गई गोली से मारा गया था.
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प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो विसर्जन के लिए मूर्ति को ले जाने दौरान एक बांस से बने वाहक के टूट जाने के बाद परेशानी शुरू हो गई थी और इसे ठीक करने में समय लग रहा था. मूर्ति को ले जाने वाले वाहक की मरम्मती में हुई देरी के कारण अन्य निकाले गए मूर्ति जुलूस रास्ते में फंसे हुए थे. प्रशासन चाहता था कि जुलूस जल्दी से जल्दी निकले, क्योंकि सुरक्षाकर्मियों को बुधवार को चुनाव ड्यूटी पर तैनात किया जाना था. इसी दौरान लोगों और पुलिस के बीच हिंसक झड़प शुरू हो गई.
बिहार में चुनाव के दिन बुधवार को मुंगेर की घटना को लेकर जमकर राजनीति भी हुई. महागठबंधन ने इस हिंसक झड़प में एक युवक की मौत को लेकर सरकार को घेरा. कांग्रेस ने घटना की तुलना जलियांवाला हत्याकांड से की. विपक्षी दलों के महागठबंधन की ओर से मामले पर बयानबाजी किए जाने के एक दिन बाद यानी आज फिर से मुंगेर में फिर से हिंसा भड़क उठी है. इस पर भी राजनीति होना तय है.