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वायु प्रदूषण पर सीड ने बिहार सरकार को चेताया, यह कदम उठाने की दी सलाह

बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के कई अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को लेकर 'सेंटर फॉर इनवायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने सरकार को चेताया है.

05 Dec 2019, 08:18:25 AM (IST)

पटना:

बिहार की राजधानी पटना सहित राज्य के कई अन्य शहरों में वायु प्रदूषण को लेकर 'सेंटर फॉर इनवायरमेंट एंड इनर्जी डेवलपमेंट (सीड) ने सरकार को चेताते हुए कहा है कि गंभीर प्रदूषण के दिनों में सरकार को ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान लागू करना चाहिए. सीड ने कहा कि पटना प्रदूषित धूलकण एवं धुंआ मिश्रित धुंध से जूझ रहा है, बावजूद इसके राज्य सरकार 'ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान' को लागू करने में विफल रही है. 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' (श्रेणीबद्ध जवाबी कार्य योजना) केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गंभीर वायु प्रदूषण से प्रभावी तरीके से निपटने के लिए तैयार किया गया है.

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सीड ने नवंबर महीने में 30 दिनों के वायु गुणवत्ता संबंधी आंकड़ों का अध्ययन एवं विश्लेषण किया, जो यह दर्शाता है कि केवल एक दिन को छोड़ दिया जाए तो राजधानी पटना में वायु गुणवत्ता लगातार 'खराब' से 'गंभीर' श्रेणी के बीच रही है. प्रदूषण स्तर में अचानक होनेवाली वृद्घि को नियंत्रित करने और इसके संपर्क में लोगों को रहने से बचाने के लिए आपात स्थिति में 'पटना क्लीन एयर एक्शन प्लान' के तहत 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' को अधिसूचित किया गया था. इस योजना के तहत कई तरह के उपाय उठाए जाते हैं, जब शहर की आबोहवा में घातक माने जाने वाले प्रदूषित सूक्ष्म धूलकणों यानी पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का स्तर 121 से लेकर 300 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के बीच दर्ज होता है.

पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में सीड के चीफ एक्जीक्यूटिव ऑफिसर रमापति कुमार ने कहा, 'पटनावासी बिहार सरकार द्वारा शहर के लिए जारी किए गए 'व्यापक स्वच्छ वायु कार्य योजना' की सिफारिशों को ईमानदारी और पारदर्शी ढंग से क्रियान्वित करने से कम कुछ और उम्मीद नहीं करते. ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार खुद अपनी सिफारिशों को क्रियान्वित करने में विफल रही है, क्योंकि पटना के लिए क्लीन एयर एक्शन प्लान को जारी किए जाने के तुरंत बाद 6 दिनों तक यह शहर 'गंभीर' वायु प्रदूषण का गवाह रहा.'

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उन्होंने कहा कि प्रदूषण के जोखिम भरे उच्च स्तर को ध्यान में रखते हुए पटना में 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' को अविलंब लागू किया जाना चाहिए था. सीड में सीनियर प्रोग्राम ऑफिसर अंकिता ज्योति ने गंभीर प्रदूषण वाले दिनों में 'ग्रेडेड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान' की जरूरत और अनिवार्यता से अवगत कराया कि 'जीआरएपी के मानकों के अनुसार, 'गंभीर प्रदूषण वाले दिनों' में पटना में सभी निर्माण कार्य संबंधी गतिविधियों समेत ईंट भट्ठा इकाइयों पर अल्पकालिक प्रतिबंध लगाने सहित कई और कदम उठाने चाहिए थे.

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