वसीम जाफर मामले की होगी जांच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने दिए आदेश
मजहबी विवाद में फंसे टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर के खिलाफ अब जांच की जाएगी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं.
नई दिल्ली :
मजहबी विवाद में फंसे टीम इंडिया के पूर्व दिग्गज सलामी बल्लेबाज वसीम जाफर के खिलाफ अब जांच की जाएगी. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने जांच के आदेश जारी कर दिए हैं. वसीम जाफर का विवाद अभी खत्म नहीं हुआ है. बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सीएयू के अधिकारियों से बात की थी, इसी के बाद उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस बारे में मुख्यमंत्री के मीडिया कोआर्डिनेटर दर्शन सिंह रावत ने पुष्टि कर दी है. दर्शन सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि सीएयू के अधिकारियों ने इस पूरे मामले के बारे में मुख्यमंत्री को बताया है और इसी के बाद जांच के आदेश जारी किए गए हैं. वसीम जाफर सभी प्रकार के क्रिकेट से संन्यास के बाद उत्तराखंड की टीम के कोच बनाए गए थे, लेकिन पिछले ही दिनों उन पर तरह तरह के आरोप लगे थे. वसीम जाफर ने कोच के पद से इस्तीफा दे दिया है.
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आपको याद दिला दें कि पिछले दिनों जब विवाद ने तूल पकड़ा तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने भी इस बारे में ट्वीट किया था. राहुल गांधी ने लिखा था कि पिछले कुछ सालों में नफरत को इस कदर सामान्य कर दिया गया है कि हमारा प्रिय खेल भी इसकी चपेट में आ गया. भारत हम सभी का है. उन्हें हमारी एकता भंग मत करने दीजिए. वहीं वसीम जाफर के साथ क्रिकेट खेल चुके अनिल कुंबले ने भी वसीम जाफर को लेकर ट्वीट किय था. उन्होंने लिखा था कि मैं आपके साथ हूं वसीम. आपने सही किया, दुर्भाग्यशाली खिलाड़ी हैं, जिन्हें आपके मेंटर नहीं होने की कमी खलेगी.
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इससे पहले अपने ऊपर लगे आरोपों पर वसीम जाफर ने भी सफाई दी थी. ट्वीट पर वसीम जाफर ने लिखा था कि उनके ऊपर जो आरोप लगे हैं उनसे उन्हें काफी चोट पहुंची है. उन्होंने साफ किया कि जो कम्यूनल एंगल बनाया गया है, वह काफी दुखद है. उन्होंने कहा कि उन पर ये आरोप है कि वे इकबाल अब्दुल्ला समर्थन करते हैं और उन्हें कप्तान बनाना चाहते हैं, लेकिन ये सही नहीं है. वसीम जाफर ने कहा कि वे इकबाल अब्दुल्ला को नहीं बल्कि जय बिस्टा को कप्तान बनाना चाहते थे. लेकिन चयनकर्ताओं ने ही उन्हें अब्दुल्ला को कप्तान बनाने का सुझाव दिया था. उन्होंने कहा कि चयनकर्ता रिजवान शमशाद और बाकी चयनकर्ताओं ने कहा कि वे इकबाल अब्दुल्ला को कप्तान बनाएं. वे टीम के सीनियर खिलाड़ी हैं और आईपीएल भी खेल चुके हैं. इसके बाद उन्होंने उनका सुझाव मान लिया था. कुछ ही समय पहले वसीम जाफर को उत्तराखंड क्रिकेट टीम का कोच बनाया गया था जिसके लिए उनके साथ 45 लाख रुपये का करार किया गया. इससे पहले कुछ रिपोर्ट्स सामने आई थीं, जिसमें बताया गया है कि उत्तराखंड टीम के कोच बनाने के बाद से वसीम जाफर खिलाड़ियों को ट्रेनिंग की बजाए बजाय मजहबी पाठ पढ़ाने में जुट गए थे. पहले उन्होंने इकबाल अब्दुल्ला को जबरदस्ती टीम का कप्तान बनाया और फिर उसके बाद उत्तराखंड की टीम का स्लोगन ‘राम भक्त हनुमान की जय’को बदल दिया. इन्हीं सब विवादों के कारण पूर्व टीम इंडिया के बल्लेबाज और कोच वसीम जाफर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है.