वीरेंद्र सहवाग बनने की राह पर आगे बढ़ रहे हैं रोहित शर्मा, जानिए पूरा मामला
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच दो अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. पहले मैच में इस बार काफी कुछ खास होने जा रहा है.
New Delhi:
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच दो अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है. पहले मैच में इस बार काफी कुछ खास होने जा रहा है. इस टेस्ट मैच में रोहित शर्मा बतौर ओपनर अपनी नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. अभी तक रोहित मिडिल आर्डर बल्लेबाज के तौर पर खेलते आए हैं, लेकिन यह पहली बार होगा जब वे वन डे और T-20 की तरह टेस्ट में भी पारी का आगाज करेंगे.
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रोहित शर्मा आज की तारीख में एक दिवसीय और T-20 क्रिकेट के बड़े सलामी बल्लेबाज माने जाते हैं. उन्होंने अपने टेस्ट करियर की शुरुआत नवंबर 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ की थी. तब वे छठे नंबर पर बल्लेबाजी करने मैदान में उतरे थे, तब उन्होंने पहली ही पारी में शानदार शतक ठोक दिया था. उस मैच की दूसरी पारी में उनकी बल्लेबाजी ही नहीं आई, लेकिन उस मैच में रोहित ने अपने आप को स्थापित कर लिया था. हालांकि इसके बाद रोहित का फार्म कुछ ठीक नहीं रहा और वे टीम से अंदर बाहर होते रहे. अब वे टेस्ट में एक नई पारी की शुरुआत करने जा रहे हैं. वे मिडिल आर्डर से सलामी बल्लेबाज बन जाएंगे.
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पिछले लंबे अर्से से भारत को टेस्ट में एक भरोसेमंद मिडिल आर्डर बल्लेबाज की जरूरत है. पिछले वेस्टइंडीज दौरे पर मयंक अग्रवाल और केएल राहुल को यह मौका दिया गया था. इस दौरान मयंक अग्रवाल ने तो ठीकठाक प्रदर्शन किया, लेकिन राहुल बुरी तरह फ्लॉप रहे. इसीलिए एक नए सलामी बल्लेबाज की तलाश की जा रही थी. इसी बीच पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने एक बार कहा था कि वीरेंद्र सहवाग की तरह ही रोहित शर्मा से टेस्ट में भी ओपनिंग कराई जानी चाहिए. एक दिवसीय और T-20 में कई गेंदबाज उनसे खौफ खाते हैं. सौरव गांगुली की सलाह पर टीम मैनेजमेंट ने विचार किया और चयनकर्ता भी आखिरकार इस पर राजी हो गए. अब यही सब टेस्ट में होने जा रहा है.
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रोहित शर्मा की बात करें तो उन्होंने पहले कभी एक दिवसीय मैचों में भी ओपनिंग नहीं की थी. वे वन डे में भी बतौर मिडिल आर्डर बल्लेबाज शामिल हुए थे. उन्होंने साल 2007 में T-20 विश्व कप में अपने डेब्यू किया था. तब वे मिडिल आर्डर में खेलते थे. रोहित शर्मा की किस्मत तब बदली जब चैंपियंस ट्रॉफी में कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने उसे पारी की शुरुआत करने के लिए कहा. पहले तो रोहित ने हां कर दी, लेकिन बाद में वे भी पसोपेश में रहे कि पता नहीं इस चुनौती को स्वीकार करने के बाद वे सफल हो पाएंगे कि नहीं. लेकिन पहले उन्होंने ठीकठाक बल्लेबाजी की और उसके बाद धुआंधार बैटिंग शुरू हो गई. वे विराट कोहली से रिकार्डों के मामले में लोहा लेने वाले अकेले भारतीय हैं.
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से बात करें तो सचिन तेंदुलकर भी पहले मिडिल आर्डर बल्लेबाज हुआ करते थे. साल 1989 में अपने करियर की शुरुआत करने के बाद साल 1994 में सचिन को पारी की शुरुआत करने का मौका मिला, वह भी सचिन ने खुद ही टीम मैनेजमेंट से पारी का आगाज करने के लिए कहा था. करीब पांच साल तक सचिन वन डे में एक भी शतक नहीं लगा पाए थे, लेकिन पारी का आगाज करने के कुछ ही समय बाद सचिन ने शतक ठोक दिया और उसके बाद उनका बल्ला ऐसा चला कि वे शतकों का शतक लगाने वाले एकमात्र बल्लेबाज बन गए. एक दिवसीय मैचों में पारी की शुरुआत करने के बाद भी सचिन ने टेस्ट में कभी पारी का आगाज नहीं किया.
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दरअसल वीरेंद्र सहवाग से पारी की शुरुआत कराने का श्रेय जहीर खान को जाता है, जहीर ने ही सबसे पहले कप्तान सौरव गांगुली से कहा था कहा था कि वीरेंद्र सहवाग से पारी की शुरुआत करानी चाहिए. इसके बाद गांगुली ने उनकी बात मानी तो वीरेंद्र सहवाग ने ऐसी बल्लेबाजी की सभी दंग रह गए. एक दिवसीय मैचों के बाद टेस्ट में भी सहवाग ने ओपनिंग की और उसके बाद उन्होंने टेस्ट की ही तरह टेस्ट में भी बल्लेबाजी शुरू कर दी और उसके बाद इतिहास में दर्ज है कि वीरेंद्र सहवाग ने दो तीसरे शतक लगाए. जो काम और कोई भी बल्लेबाज नहीं कर पाया.
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दो अक्टूबर से दक्षिण अफ्रीका के साथ शुरू होने वाले पहले टेस्ट मैच में रोहित की एक बड़ी परीक्षा होने जा रही है. बेहतर होगा कि वे अपने ही अंदाज में बल्लेबाजी करें, वे जिस तरह से एक दिनी और टेस्ट क्रिकेट में बल्लेबाजी करते हैं, उसी तरह बैटिंग करें तो सफलता जरूर मिल सकती है. खास बात यह भी है कि रोहित की यह बड़ी परीक्षा अपने ही मैदान पर होने जा रही है. भारत दक्षिण अफ्रीका से तीन टेस्ट मैचों की सीरीज खेलेगा, इसमें सब ठीक रहा तो रोहित को कम से कम छह पारी खेलने के लिए मिल सकती हैं. कप्तान विराट कोहली और हेड कोच रवि शास्त्री को उन पर भरोसा जताना होगा और उन्हें बताना होगा कि आप चाहे जैसे खेलें, आप ही तीनों टेस्ट की छह पारी में शुरुआत करेंगे. अगर इस बार रोहित सफल रहे तो वे भी भारत के लिए दूसरे वीरेंद्र सहवाग बन सकते हैं.