बापू की 150वीं जयंती पर इसलिए शुरू हो रही है भारत दक्षिण अफ्रीका के बीच टेस्ट सीरीज, जानें पूरी कहानी
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज यानी दो अक्टूबर से टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है. यह तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच होगा. इस सीरीज का पहला मैच गांधी जयंती के अवसर पर शुरू हो रहा है.
New Delhi:
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच आज यानी दो अक्टूबर से टेस्ट सीरीज का आगाज हो रहा है. यह तीन टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मैच होगा. इस सीरीज का पहला मैच गांधी जयंती के अवसर पर शुरू हो रहा है. यह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के मौके पर शुरू होगा. अब यह सवाल मन में कौंध सकता है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच पहला टेस्ट मैच बापू की 150वीं पर क्यों शुरू हो रहा है. यह सीरीज ‘महात्मा गांधी-नेल्सन मंडेला सीरीज’ के नाम से भी जाना जाता है.
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दरअसल साल 2015 में ही यह तय हो गया था कि भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच जो भी टेस्ट सीरीज होगी, उसका नाम महात्मा गांधी नेल्सन मंडला सीरीज होगी. तभी से यह सीरीज महात्मा गांधी और नेल्सन मंडेला को समर्पित मानी जा रही है. तब के बीसीसीआई के अध्यक्ष रहे जगमोहन डालमिया ने तब कहा था कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने आजादी के लिए काफी संघर्ष किया था. जहां एक ओर भारत की आजादी के लिए महात्मा गांधी का अतुलनीय योगदान रहा है, वहीं दक्षिण अफ्रीका की आजादी के लिए नेल्सन मंडेला का योगदान था. दोनों ने अपने अपने देश को आजादी दिलाने के लिए अहिंसा और असहयोग का सहारा लिया.
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दरअसल भारत के राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी को महात्मा गांधी बनाने में दक्षिण अफ्रीका का बहुत बड़ा योगदान है. कहा तो यहां तक जाता है कि भारत ने दक्षिण अफ्रीका को वकील दिया था, इसके बाद दक्षिण अफ्रीका ने भारत को महात्मा लौटाया. शुरुआती दौर में महात्मा गांधी को दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के साथ भेदभाव का सामना पड़ा था. ऐसी कई घटनाएं हुई जो गांधी जी के जीवन में निर्णायक मोड़ साबित हुईं. पहले गांधी जी कुछ समय के लिए ही दक्षिण अफ्रीका गए थे, लेकिन बाद में उन्होंने इस अवधि को बढ़ा दिया था, ताकि भारतीयों की मदद कर सकें.
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लंदन में कानून की पढ़ाई करने के बाद मोहनदास करमचंद गांधी अपने गृह नगर पोरबंदर आ गए और अपनी वकालत जमाने के लिए काम करने लगे. बताया जाता है कि इसी दौरान एक साल के लिए दक्षिण अफ्रीका के तत्कालीन ट्रांसवल प्रांत में काम करने का प्रस्ताव उनके पास आया. उस परिवार के चौथी पीढ़ी के वंशज एबी मूसा ने एक जगह कहा है कि किस तरह उनके पूर्वज गांधी जी को दक्षिण लेकर आए और यहां आकर उन्होंने भेदभाव के खिलाफ सत्याग्रह का रास्ता चुना और बाद में इसी रास्ते पर चलते हुए उन्होंने अंग्रेजों से भारत को आजादी दिलाई.
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नेलसन मंडेला को दक्षिण अफ्रीका का गांधी भी कहा जाता है. दोनों देशों के बीच काफी लंबे और गहरे संबंध माने जाते हैं. 2003 के विश्व कप क्रिकेट के दौरान जब भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका में थी, तब के कप्तान सौरव गांगुली ने पीटरमैरिट्जबर्ग में महात्मा गांधी की प्रतिमा का भी अनावरण वहां किया था. दक्षिण अफ्रीका के नेता नेलसन मंडेला को भारत सरकार की ओर से 2008 में महात्मा गांधी शांति पुरस्कार और 1990 में भारत रत्न तक से सम्मानित किया गया था. इसी तरह से भारत और दक्षिण अफ्रीकी खिलाड़ियों के बीच भी आपसी सौहार्द काफी देखने को मिलता है.