ये दोस्ती हम यहीं तोड़ेंगे, तस्वीरों में देखिये 'लालू- नीतीश' की दोस्ती
नीतीश कुमार और लालू प्रसाद यादव दोनों छात्र राजनीति और जेपी आंदोलन के प्रॉडक्ट हैं। एक ही कश्ती पर सवार होकर राजनीति शुरू की।
अस्सी और नब्बे के दशक में दोनों ने साथ-साथ राजनीति की। लालू प्रसाद प्रदेश के सीएम बने और नीतीश कुमार संसद पहुंचे।
लालू के सीएम बनने के बाद दोनों में दूरियां बनीं, तो 1994 में नीतीश ने समता पार्टी बनाई। सीपीआई-एमएल के साथ चुनाव लड़ा।
नीतीश ने एनडीए में शामिल होकर बीजेपी के साथ गठबंधन किया और 2005 में लगभग डेढ़ दशक का लालू का 'जंगल राज' खत्म किया। नीतीश को संज्ञा मिली 'सुशासन बाबू' की।
मोदी से टकराव के बाद नीतीश बीजेपी से अलग हुए। नवंबर 2015 में हुए चुनाव में लालू यादव और नीतीश कुमार महागठबंधन की कश्ती पर सवार हो गए। और चुनाव में भारी वोटों से जीत हासिल की।
बीते कुछ समय से बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा था। लालू यादव के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोपों से उनपर इस्तीफे का दवाब बनता जा रहा था। लेकिन नीतीश के लिए इसका समाधान निकालना मुश्किल हो गया था।
नीतीश कुमार ने बुधवार को बड़ा कदम उठाते हुए बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। इसके साथ ही बिहार की 20 महीने पुरानी महागठबंधन की सरकार गिर गई। महागठबंधन में नीतीश की पार्टी जनता दल (युनाइटेड) के अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस शामिल थीं।
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