हरिवंश राय बच्चन की रचनाअों ने हिंदी साहित्य को दिया नया आयाम
बॉलीवुड के महानायक अभिनेता अमिताभ बच्चन के पिता स्वर्गीय हरिवंश राय बच्चन का आज यानी 27 नवंबर को जन्मदिन है।
हरिवंश राय बच्चन ने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से अंग्रेजी में एम. ए. और कैम्ब्रिज से अंग्रेजी साहित्य के विख्यात कवि डब्लू बी यीट्स की कविताओं पर पीएच.डी. की।
1941 में हरिवंश राय बच्चन ने रंगमंच से जुड़ी तेजी सूरी से शादी कर ली। जिनसे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन और अजिताभ दो पुत्र हुए।
हरिवंश राय बच्चन की रचना 'मधुशाला' हिंदी साहित्य की बेस्ट सेलर है। अग्निपथ की लाइनें भी उनकी लेखनी को हम सब के बीच लाकर खड़ा कर देती हैं। वृक्ष हों भले खड़े, हों घने, हों बड़े एक पत्र छांह भी मांग मत! मांग मत! मांग मत! अग्निपथ! अग्निपथ! अग्निपथ!
हरिवंश राय बच्चन की रचना 'दो चट्टाने' को 1968 में हिन्दी कविता के साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मनित किया जा गया था। इसी साल उन्हें सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार तथा एफ्रो एशियाई सम्मेलन के कमल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
बिड़ला फाउण्डेशन ने उनकी आत्मकथा के लिए उन्हें सरस्वती सम्मान से सम्मानित किया था। हरिवंश जी को भारत सरकार की ओर से 1976 में साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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