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ताहिर हुसैन की जमानत याचिकाएं खारिज, कोर्ट ने कहा-दंगों में सरगना की भूमिका

आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Husain) के दिल्ली दंगों से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका कड़कडूमा अदालत ने खारिज कर दी हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
22 Oct 2020, 01:36:17 PM (IST)

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन (Tahir Hussain) के दिल्ली दंगों से संबंधित तीन अलग-अलग मामलों में जमानत याचिका कड़कडूमा अदालत ने खारिज कर दी हैं. अदालत का कहना है कि ताहिर पर दंगे (Delhi Riots) की साजिश का आरोप है. इसके साथ ही वह उसी इलाके में रहता है, जो दंगों के सबसे ज्यादा प्रभावित इलाके रहे हैं. इससे पहले शनिवार को प्रवर्तन निदे़शालय (ED) ने कड़कड़डूमा अदालत में ताहिर हुसैन के खिलाफ अदालत में धनशोधन मामले में आरोपपत्र दाखिल किया था.

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बाहुबल औऱ राजनीतिक ताकत का इस्तेमाल
कोर्ट ने ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए कहा, पहली नज़र में ये साफ है कि ताहिर हुसैन ने अपने बाहुबल और राजनीतिक ताक़त का इस्तेमाल  करके साम्प्रदायिक दंगों की आग भड़काने में सरगना की भूमिका निभाई. ये साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत है कि ताहिर हुसैन मौके पर मौजूद था और सम्प्रदाय विशेष के लोगो को दंगे के लिए  भड़का रहा था. उसके इशारे पर मानव हथियार में तब्दील हुए लोग किसी को भी मार सकते थे.

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ग्लोबल पॉवर बनने जा रहे देश पर गहरा घाव
यही नहीं, कोर्ट ने कहा कि 2020 के दिल्ली दंगे ग्लोबल पावर बनने की आकांक्षा रखने वाले देश के लिए गहरा घाव है. इतने कम वक़्त में जिस तरह से दंगे फैल गए, वह बिना किसी सोची साजिश के संभव नहीं है. कोर्ट ने ताहिर हुसैन की ज़मानत अर्जी खारिज करते हुए अंग्रेजी की मशहूर कहावत का जिक्र करते हुए कहा कि जब आप अंगारे के साथ खेलते हैं, तो चिंगारी से आग भड़कने के लिए हवा को दोष नहीं दे सकते.

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सवा करोड़ से खरीदे गए दंगों के लिए हथियार
ईडी ने इस आरोपपत्र में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में भड़के दंगों में ताहिर द्वारा धनराशि लगाने का आरोप लगाया. ईडी ने कहा है कि करीब सवा करोड़ रुपये से दंगों के लिए हथियारों की खरीदारी की गई. आरोपपत्र के अनुसार, दंगों की तैयारी जनवरी में ही कर ली गई थी और इस रकम को दंगों के लिए घातक हथियार जैसे पेट्रोल, तेजाब, पिस्तौल, गोली, तलवार व चाकू आदि खरीदने में लगाया गया.

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शैल कंपनी खोल हुआ धन का लेन-देन
प्रवर्तन निदेशालय ने आरोपपत्र मे दावा किया है कि इस मामले में ताहिर हुसैन का साथ अमित गुप्ता नामक व्यक्ति ने दिया, जिसके नाम पर शैल कंपनी खोली गई और धन को इसमें स्थानान्तरित किया गया, आरोपपत्र में यह भी कहा गया कि ताहिर हुसैन की इस साजिश के कारण ही फरवरी में भड़के दंगों में 53 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी, जबकि दो सौ से ज्यादा लोग गंभीर रूप से जख्मी हुए.