राजनेताओं, न्यायाधीशों की जासूसी करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा: सिब्बल
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, न्यायाधीशों और लोगों के फोन के जरिए कथित तौर पर जासूसी करना सरकार के कई कानूनों का उल्लंघन है और साथ ही यह देश और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है.
highlights
- जासूसी कांड पर कांग्रेस नेता सिब्बल का हमला
- न्यायाधीश, राजनीतिज्ञों की जासूसी से देश को खतरा
- पेगासस को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को घेर रही है
नई दिल्ली :
पेगासस फोन टैपिंग मुद्दे (Pegasas Snoop Case) पर मोदी सरकार (Modi Government) के खिलाफ विपक्ष खासकर कांग्रेस (Congress) लगातार हमलावर है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल (Congress Leader) ने मंगलवार को कहा कि मुख्यमंत्रियों, राजनेताओं, न्यायाधीशों और लोगों के फोन के जरिए कथित तौर पर जासूसी करना सरकार के कई कानूनों का उल्लंघन है और साथ ही यह देश और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. उन्होंने मंत्रियों के फोन पर जासूसी को अवैध करार दिया. सिब्बल ने अपने आवास पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार को जमकर कोसा.
मीडिया से बात करते हुए, पूर्व केंद्रीय संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री सिब्बल ने कहा, हमारा संविधान कहता है कि सरकार को राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा करनी चाहिए, लेकिन क्या होगा अगर हमारी सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दे? पेगासस के जरिए जासूसी कर साल 2019 में कर्नाटक की जनता दल सेकुलर-कांग्रेस की गठबंधन सरकार को गिराने से जुड़ी खबर आने के बाद कपिल सिब्बल ने पत्रकारों से बात की.
उन्होंने कहा, पेगासस को लेकर बवाल कट रहा है. सरकार को बताना है कि पेगासस का इस्तेमाल हुआ या नहीं हुआ. देश की जनता को वे बताना नहीं चाहते. ये एक सॉफ्टवेयर है, एनएसओ इसको बनाता है. सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करने के लिए वो पैसे लेते हैं और सरकारों को वे देते हैं. उन्होंने बताया भी है कि इसरायल डिफेंस मिनिस्टरी की अप्रूवल के बाद उन्होंने सॉफ्टवेयर दिया. सरकार ने नहीं तो किसने पैसे दिए.
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उन्होंने कहा कि देश के गृह मंत्री को बताना चाहिए कि क्या कभी भी इस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल नहीं हुआ. अगर सरकार ने इस्तेमाल नहीं किया तो किसने किया. सच्चाई सामने आनी चाहिए. उन्होंने कहा कि मंत्री सांसदों और देश की जनता को हकीकत नहीं बताना चाहते. कांग्रेस नेता ने कहा, केंद्रीय गृह मंत्री (अमित शाह) को कहना चाहिए कि उन्होंने इसका (पेगासस) इस्तेमाल नहीं किया है, लेकिन उन्होंने इसे न तो स्वीकार किया और न ही खारिज किया. सवाल उठता है - अगर सरकार और उसकी एजेंसियों ने इसका इस्तेमाल नहीं किया तो इसका इस्तेमाल किसने किया?
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कपिल सिब्बल ने कहा गृह मंत्री कालक्रम को समझने के लिए कह रहे हैं. मैं अमित शाह से कहना चाहता हूं कि आप कालक्रम को समझें, क्योंकि 2017-2019 के बीच इसका (पेगासस) इस्तेमाल किया गया था. इस डेटा को ऐसी एजेंसी को लीक करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है जिसका भारत से कोई लेना-देना नहीं है. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने इसके साथ ये भी कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इसकी जांच करनी चाहिए और कार्यवाही बंद कमरे में होनी चाहिए. संसद में एक श्वेत पत्र पेश किया जाना चाहिए और मंत्री को स्पष्ट रूप से बताना चाहिए कि सरकार या किसी अन्य एजेंसी ने यहां पेगासस का इस्तेमाल किया है या नहीं.
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सिब्बल ने कहा सरकार डाटा प्रोटेक्शन की जगह डाटा कलेक्शन कर रही है. कांग्रेस लगातार पेगासस को लेकर मोदी सरकार को घेर रही है. मोदी सरकार देश की नामी हस्तियों की जासूसी के आरोप में बुरी तरह फंसती नजर आ रही है. जासूसी कांड को लेकर सरकार से विपक्ष लगातार सवाल कर रहा है. भाजपा नेता और पूर्व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संसद के मानसून सत्र के समय पेगासस मुद्दे के सामने आने की टाइमिंग को लेकर सवाल उठाए हैं.