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TMC सांसदों ने पेगासस स्पाइवेयर फोन टैपिंग मामले में किया विरोध प्रदर्शन

सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जमा हुए और एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करने लगे. पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके जासूसी का मुद्दा संसद के अंदर और बाहर एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया.

Updated on: 20 Jul 2021, 04:13 PM

highlights

  • पेगासस सॉफ्टवेयर से हो रही थी देश में फोन टैपिंग!
  • टीएमसी सांसदों ने फोन टैपिंग मामले में किया विरोध प्रदर्शन
  • विपक्षी नेता, पत्रकार, कारोबारी सहित 300 लोगों की हुई जासूसी!

नई दिल्ली :

तृणमूल कांग्रेस के सांसदों ने मंगलवार को कथित फोन टैपिंग के मुद्दे पर संसद में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया और संसद के दोनों सदनों में इस पर चर्चा के लिए नोटिस भी सौंपा. इस दिन सबसे पहले तृणमूल कांग्रेस के सांसद महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास जमा हुए और एकत्रित होकर धरना प्रदर्शन करने लगे. पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके जासूसी का मुद्दा संसद के अंदर और बाहर एक बड़े राजनीतिक विवाद में बदल गया क्योंकि विपक्षी दलों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की गहन जांच और बर्खास्तगी की मांग की.

तृणमूल सांसद सुखेंदु शेखर रॉय ने राज्यसभा में नियम, 267 के तहत एक नोटिस दिया, जिसमें पेगासस मुद्दे पर चर्चा के लिए सभी कामकाज को निलंबित करने की मांग की गई. एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब द्वारा आयोजित और द वायर के साथ साझा किए गए डिजिटल फोरेंसिक के अनुसार, इस साल की शुरूआत में पश्चिम बंगाल में गर्मागर्म विधानसभा चुनावों के बीच पोल रणनीतिकार प्रशांत किशोर का फोन भी एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके टैप किया गया था.

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इसके अलावा, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे व तृणमूल कांग्रेस के विधायक व प्रमुख रणनीतिकार अभिषेक बनर्जी के मोबाइल नंबर को भी एनएसओ समूह के एक सरकारी ग्राहक द्वारा निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था. पेगासस प्रोजेक्ट पर द वायर और उसके मीडिया पार्टनर्स द्वारा लीक किए गए डेटा से पता चला है. इस सूची में बनर्जी के निजी सचिव भी शामिल हैं. रविवार मीडिया में ये खबर आई थी कि 40 से अधिक पत्रकार, तीन प्रमुख विपक्षी हस्तियां, एक संवैधानिक प्राधिकरण, नरेंद्र मोदी सरकार में दो सेवारत मंत्री, सुरक्षा संगठनों के वर्तमान और पूर्व प्रमुख और अधिकारी और कई व्यवसायी इसका शिकार हुए बताए गए हैं.

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भारत में कई लोगों के साथ हुई जासूसी
भारत में मंत्रियों, विपक्ष के नेताओं, पत्रकारों, लीगल कम्युनिटी, कारोबारियों, सरकारी अफसरों, वैज्ञानिकों, एक्टिविस्ट समेत करीब 300 लोगों की जासूसी की गई है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इनमें से करीब 40 पत्रकार हैं. इन पर फोन के जरिए निगरानी रखी जा रही थी. कुछ अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार तीन प्रमुख विपक्षी नेताओं, दो मंत्रियों और एक जज की भी जासूसी की गई है, हालांकि इनके नाम नहीं बताए हैं. इस जासूसी के लिए इजरायल के पेगासस स्पायवेयर का इस्तेमाल किया गया था.

सॉफ्टवेयर कंप्यूटर प्रोग्राम है पेगासस 
पेगासस स्पायवेयर एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम है, जिसके जरिए किसी के फोन को हैक करके, उसके कैमरा, माइक, कंटेंट समेत सभी तरह की जानकारी हासिल की जा सकती है. इस सॉफ्टवेयर से फोन पर की गई बातचीत का ब्यौरा भी जाना जा सकता है.