बोडो समझौते की खुशी में लाखों दीयों से जगमगाया कोकराझार, आज असम जाएंगे PM Modi
प्रधानमंत्री मोदी आज बोडो समझौते को लेकर कोकराझार में होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे. इस मौके पर मोदी बोडो समझौते के बारे में लोगों को संबोधित भी करेंगे.
highlights
- प्रधानमंत्री मोदी आज बोडो समझौते को लेकर कोकराझार में होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे.
- इस मौके पर मोदी बोडो समझौते के बारे में लोगों को संबोधित भी करेंगे.
- समझौते पर 27 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे.
नई दिल्ली:
प्रधानमंत्री मोदी आज बोडो समझौते को लेकर कोकराझार में होने वाले समारोह में शिरकत करेंगे. इस मौके पर मोदी बोडो समझौते के बारे में लोगों को संबोधित भी करेंगे. समझौते पर 27 जनवरी, 2020 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए थे. कोकराझार में प्रधानमंत्री के स्वागत की बड़ी तैयारियां की गई हैं. बोडो शांति समझौते के स्वागत में असम के लोगों ने कोकराझार जिले में लाखों दिए जलाकर अपनी खुशी का इजहार किया. देश में Citizenship Amendment Act लागू होने और एनआरसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद यह पहली बार है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसी नॉर्थ-ईस्ट के किसी राज्य का दौरा कर रहे हैं.
ऐसे में यह देखना भी अहम होगा कि उनके इस दौरे पर राज्य से कैसी प्रतिक्रियाएं आती हैं, क्योंकि पूर्वोत्तर में एनआरसी और सीएए को लेकर काफी नाराजगी उभर कर सामने आई थी. हालांकि आज कोकराझार में पीएम के स्वागत में लोगों ने दीप जलाकर अपनी खुशी जाहिर की है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वागत के लिए लोग पारंपरिक ड्रेस में पलकें बिछाए नजर आए.
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने कहा है कि बोडो शांति समझौता असम के विकास की दिशा में मददगार साबित होगा. मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का इस समझौते के लिए राज्य के लोगों की ओर से आभार जताया. वहीं सोनोवाल ने कांग्रेस की आलोचना को उसकी हताशा का प्रतीक बताया.
यह भी पढ़ें: दिल्ली में चुनाव से पहले मनीष सिसोदिया का OSD रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
असम के मुख्यमंत्री ने समारोह की पूर्व संध्या पर एक टीवी चैनल से खास बात की. सोनोवाल ने कहा कि वे शांति समझौते को अमल में लाने के लिए पीएम और गृह मंत्री का आभार भी जताया हैं. मुख्यमंत्री के मुताबिक 'ये कदम उठा कर मोदी ने पूर्वोत्तर का उत्थान किया है.
पीएम और गृह मंत्री दोनों ने इस मुद्दे को गंभीरता के साथ लिया, यही वजह है कि समाधान सामने आ सका. ये आसान काम नहीं था. पचास साल से विभिन्न सरकारें असम में राज करती रहीं लेकिन किसी ने भी यह कदम नहीं उठाया जो अब उठाया गया. यह ऐतिहासिक लम्हा है. अगर पूर्वोत्तर विकास करेगा तो पूरा देश विकास करेगा.'
यह भी पढ़ें: Fire Breakout: बिजवासन एरिया में एक गोदाम में लगी भयंकर आग, फायरब्रिगेड की 14 गाड़ियां मौजूद
मोदी ने 26 जनवरी को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में अपील की थी कि जो भी हिंसा के मार्ग पर हैं वे मुख्यधारा में लौट आयें और अपने हथियार डाल दें। मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के बीच एक शिखर बैठक पिछले साल दिसंबर में गुवाहाटी में होनी थी लेकिन सीएए विरोधी प्रदर्शनों के चलते उसे रद्द कर दिया गया था. मोदी को हाल में गुवाहाटी में सम्पन्न 'खेलो इंडिया' खेलों के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया गया था लेकिन वह उसमें शामिल नहीं हुए.