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उत्तर भारत में इस बार ज्यादा कड़ाके की सर्दी, चलेगी शीत लहर

इस बार ला नीना प्रभाव की वजह से अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. ला नीना प्रशांत महासागर के पानी के शीतलन से जुड़ा घटनाक्रम है.

News Nation Bureau
| Edited By :
30 Nov 2020, 09:33:07 AM (IST)

नई दिल्ली:

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा कि उत्तर भारत में इस बार अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है और ज्यादा शीत लहर चल सकती हैं. आईएमडी ने दिसंबर से फरवरी के लिए अपने सर्दियों के पूर्वानुमान में कहा कि उत्तर और मध्य भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है. महापात्र ने कहा, 'उत्तर भारत में इस मौसम में अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ने की संभावना है. शीत लहर अधिक चलने की संभावना है.'

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उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में रात का तापमान सामान्य से कम रह सकता है, वहीं दिन का तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. पश्चिमी तट और दक्षिण भारत में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है. आईएमडी ने अपने पूर्वानुमान में कहा, 'आगामी सर्दी के मौसम (दिसंबर से फरवरी) में उत्तर, उत्तर पश्चिम, मध्य भारत के अधिकतर उपसंभागों में और पूर्वी भारत के कुछ उपसंभागों में न्यूनतम तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है.' उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में हर साल सर्दी के मौसम में शीत लहर के प्रकोप से अनेक लोगों की जान चली जाती है.

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महापात्र ने पिछले महीने एक वेबिनार में संकेत दिया था कि इस बार ला नीना प्रभाव की वजह से अधिक कड़ाके की सर्दी पड़ सकती है. ला नीना प्रशांत महासागर के पानी के शीतलन से जुड़ा घटनाक्रम है. आईएमडी के मौसम विज्ञान के लिहाज से चार भाग हैं. इनमें उत्तर पश्चिम भारत, दक्षिण प्रायद्वीप, पूर्व एवं उत्तर पूर्व भारत तथा मध्य भारत हैं.