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भारत इन 6 पड़ोसी देशों के लिए बना संकट मोचक, भेजेगा कोरोना वैक्सीन

विदेश मंत्रालय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत में बने टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें इन देशों ने भारत से कोरोना वैक्सीन आपूर्ति की मांग की है.

News Nation Bureau
| Edited By :
20 Jan 2021, 09:34:54 AM (IST)

नई दिल्ली :

दनिया भर में फैले कोरोना वायरस महामारी से निपटने के लिए पूरे विश्व के देशों ने कमर कस ली है. लेकिन अभी भी कई ऐसे देश हैं जो कि तंग आर्थिक स्थितियों के चलते अभी तक अपनी वैक्सीन का निर्माण नहीं कर पाए हैं. ऐसा ही कुछ भारत के पड़ोसी देशों के साथ भी है, जिन्होंने अभी तक अपनी कोरोना वैक्सीन नहीं बनाई है. भारत ऐसे देशों को लिए एक बार फिर संकटमोचक की भूमिका निभाने जा रहा है. भारत सरकार ने भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार और सेशेल्स को अनुदान सहायता के तहत आज यानी 20 जनवरी से कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति  शुरू कर दी है.

भारत सरकार अपनी स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड की 1.5 लाख डोज वाली पहली खेप भारत ने भूटान को भेज दी है. ये वैक्सीन बुधवार को महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज  इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भूटान की राजधानी थिम्पू के लिए भेज दी गई. भारत सरकार ने तय किया है कि वो इसी तरह से अलग-अलग समय पर 6 पड़ोसी देशों को कोरोना वैक्सीन की आपूर्ति करवाएगा. विदेश मंत्रालय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि भारत सरकार को पड़ोसी और प्रमुख भागीदार देशों से भारत में बने टीकों की आपूर्ति के लिए कई अनुरोध प्राप्त हुए हैं, जिनमें इन देशों ने भारत से कोरोना वैक्सीन आपूर्ति की मांग की है. विदेश मंत्रालय ने बताया कि इन अनुरोधों के जवाब में भारत सरकार ने वैक्सीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने का फैसला किया है.

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कई देशों से आवश्यक नियामक मंजूरी की प्रतीक्षाः विदेश मंत्रालय 
भारत के विदेश मंत्रालय ने मीडिया से बातचीत में बताया कि श्रीलंका, अफगानिस्तान और मॉरीशस के संबंध में आवश्यक नियामक मंजूरी की प्रतीक्षा है. मंत्रालय ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, अग्रिम पंक्ति के कर्मचारियों और अन्य को कवर करने के लिए चरणबद्ध तरीके से भारत में टीकाकरण कार्यक्रम लागू किया जा रहा है, चरणबद्ध रोलआउट की घरेलू आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत आने वाले हफ्तों और महीनों में चरणबद्ध तरीके से कोविड टीकों की आपूर्ति जारी रखेगा. यह सुनिश्चित किया जाएगा कि घरेलू निर्माताओं के पास विदेश में आपूर्ति करते समय घरेलू आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए  पर्याप्त स्टॉक होगा.

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कंबोडिया के पीएम ने मांगी भारत से मदद
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन ने भी भारत से कोरोना वायरस रोधी टीके की मदद की मांग की है. कंबोडिया के पीएम ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि कंबोडिया के लोगों को कोरोना वायरस महामारी से बचाने में मदद करने के लिए भारत हमें भी कोरोना वैक्सीन का दान करे. आपको बता दें कि कंबोडियाई पीएम ने कंबोडिया में भारतीय राजदूत देवयानी उत्तमखोबरागड़े के साथ बैठक की जिसके दौरान उन्होंने ये अनुरोध किया. हुन सेन ने भारत को कोरोना टीकों के सफल उत्पादन के लिए बधाई दी. हाल ही में चीन द्वारा दान किए गए टीकों के बावजूद कंबोडिया को अभी लाखों टीकों की जरूरत होगी.

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भारत बांग्लादेश को उपहार स्वरूप भारी मात्रा में भेजेगा वैक्सीनः जाहिद मलिक
आपको बता दें कि बांग्लादेश के स्वास्थ्य मंत्री जाहिद मलिक ने इस बात की पुष्टि भी की है कि, भारत बांग्लादेश को उपहार स्वरूप भारी मात्रा में कोरोना वैक्सीन की डोज भेजने वाला है. उन्होंने आगे कहा कि, भारत पहले चरण में 20 जनवरी को स्पेशल प्लेन से ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोविशील्ड) की 20 लाख डोज बांग्लादेश भेज सकता है. भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया कोविशील्ड बना रही है. आपको बता दें कि बांग्लादेश में कोरोना के अब तक 5 लाख से ज्यादा मामले आ चुके हैं और अब तक 7 हजार 900 लोगों की मौत हो चुकी है.

पाकिस्तान को भी भारत से वैक्सीन की आस
वहीं, भारत के परंपरागत दुश्मन पाकिस्तान में भी कोरोना वायरस के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं. पाकिस्तान के 8 लाख से ज्यादा लोग इस वायरस की जद में आ चुके हैं. लेकिन ये मुल्क वैक्सीन की तो बात छोड़ो अभी तक वहां की जनता के लिए बुनियादी चीजों के लिए भी जद्दोजहद कर रहा है. ऐसी स्थिति में पाकिस्तान भी भारत से मुफ्त में वैक्सीन मिलने की आस लगाए बैठा है. पाकिस्तान के ड्रग रेग्युलेटरी अथॉरिटी ने हाल ही में ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है.