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चीन सीमा पर भारी तनाव, हजारों सैनिक और टैंक आमने-सामने

पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना आमने-सामने हैं. यहां भारी संख्या में टैंक, हथियारयुक्त वाहनों और हॉवित्जर तोपों में तैनात किया गया है. आर्मी चीफ एमएम नरवणे भी अपने दो दिवसीय दौरे पर लद्दाख पहुंचे हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
04 Sep 2020, 10:59:03 AM (IST)

नई दिल्ली:

चीन के साथ पूर्वी लद्दाख के चुशूल सेक्टर में तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन ने भारी संख्या में सैनिक तैनात कर दिए हैं. इधर हथियारों और भारी युद्धक उपकरणों से पूरी तरह लैस भारतीय सैनिकों ने ठाकुंग (Thakung) से लेकर रेक इन दर्रा (Req in La) तक की सभी महत्वपूर्ण चोटियों पर अपनी मोर्चेबंदी मजबूत कर ली ताकि भविष्य में चीनी सेना के किसी भी दुस्साहसिक प्रयासों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. इस बीच भारतीय थल सेना के प्रमुख जनरल एम. एम. नरावणे ने गुरुवार को चुशूल सेक्टर पहुंचकर वहां की रक्षा तैयारियों का जायजा लिया. आज वह दिल्ली लौटने से पहले उत्तर दिशा की तरफ अग्रणी चौकियों का मुआयना करेंगे.

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चीन और भारत के बीच जारी तनातनी के बीच लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक 3,488 किमी की वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) तक हवाई सर्वे भी किया गया. भारतीय वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर. के. एस. भदौरिया ने भी बुधवार को हशिमारा (Hashimara) समेत पूरे ईस्टर्न सेक्टर में अग्रणी मोर्चों पर बने सैन्य हवाई अड्डों का निरीक्षण किया. मई में चीन और भारत के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद एक फिर सीमा पर तनाव की स्थिति पैदा हो गई है.

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दरअसल 29-30 अगस्त की रात चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की कोशिश की लेकिन उसका यह दाव चीन पर ही भारी पड़ गया. भारत ने 29-30 अगस्त की रात को कैसे पेंगोंग झील (Pangong Tso), स्पांगुर गैप (Spanggur Gap), रेजंग दर्रे (Rezang La) और रेंचिन पहाड़ियों से गुजरने वाले रेकिन दर्रे (Reqin La) पर अपनी मोर्चेबंदी कैसे कर ली. चीन ने चुशूल में अतिरिक्त फौज भेज दी है. इसके बाद भारत की ओर से भी तैयारी पुख्ता कर दी गई है.