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दिग्विजय सिंह ISI के हैंडलर थे, BJP का कांग्रेस पर बड़ा हमला

बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है और दिग्विजय सिंह पर सवाल उठाए हैं

News Nation Bureau
| Edited By :
19 Feb 2020, 03:21:04 PM (IST)

नई दिल्ली:

हाल ही में मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर राकेश मारिया (Rakesh Maria) की आत्मकथा (Autobiography) लेट मी से इट नाउ (Let Me Say It Now)में खुलासा किया गया था कि ISI 26/11 के हमले को हिंदू आतंकवाद का रूप देने चाहती थी और इसके लिए उसने कसाब समेत 10 हमलावरों को हिंदू के रूप में पेश करने की साजिश रची थी. राकेश मारिया की ये किताब अभी तक पब्लिश नहीं है लेकिन इन खुलासों के चलते ये अभी से चर्चा का विषय बन गई है.

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इस खुलासे पर अब कांग्रेस और बीजेपी में आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. बीजेपी नेता जीवीएल नरसिम्हा राव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस पर निशाना साधा है और दिग्विजय सिंह पर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा, कांग्रेस के हिंदू आतंकवाद के विचार और लश्कर और आईएसआई की 26/11 साजिश के बीच एक संबंध नजर आता है. क्या भारत का कोई व्यक्ति आईएसआई को आतंकवादियों को हिंदू पहचान देने के लिए हैंडलर के रूप में मदद कर रहा था? क्या दिग्विजय सिंह हैंडलर के रूप में काम कर रहे थे? कांग्रेस को इसका जवाब देना चाहिए.

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इससे पहले इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का बयान सामने आया था. अधीर रंजन चौधरी ने केंद्रीय मंत्री पियुष गोयल के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा हिंदू आतंकवाद शब्द जब उठा तब हालात अलग थे. जब मक्का मस्जिद ब्लास्ट हुआ तब पज्ञा ठाकुर को गिरफ्तार किया गया. उन्होंने कहा, आतंकवादी हमेशा छलावा करते हैं. वे अपनी वास्तविक पहचान के साथ हमलों को अंजाम नहीं देते. यह UPA सरकार थी जिसने हमले के बारे में सब कुछ बताया. बाद में यूपीए शासन के दौरान अजमल कसाब को फांसी दे दी गई थी

Congress leader Adhir Ranjan Chowdhury: Terrorists always camouflage. They do not carry out attacks with their actual identity. It was the UPA government which revealed everything about the attack. Ajmal Kasab was later hanged during UPA rule. (2/2) https://t.co/RT9AZzbyKB

— ANI (@ANI) February 19, 2020

बता दें, राकेश मारिया ने किताब में लिखा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 26/11 हमले को हिंदू आतंकवाद के उभार का रूप देने की कोशिश की गई थी. इसलिए आतंकवादियों के साथ फर्जी आईकार्ड भी पाकिस्‍तान से भेजे गए थे. कसाब के पास से मिले आईकार्ड पर भी समीर चौधरी लिखा हुआ था.

मारिया का दावा है कि मुंबई पुलिस आतंकी कसाब की फोटो जारी नहीं करना चाहती थी. बताया यह भी गया है कि अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के गैंग को कसाब को मारने की सुपारी मिली थी. मुंबई में 10 आतंकियों ने 26 नवंबर, 2008 को बड़ा हमला किया था, जिसमें 166 लोग मारे गए और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. 10 हमलावरों में बस एक अजमल कसाब ही जिंदा पकड़ा जा सका था. कसाब को 21 नवंबर, 2012 को पुणे के यरवडा जेल में फांसी की सजा दी गई थी.