TikTok बैन हो गया तो क्या हुआ, डाउनलोड कीजिए Made IN India ये ऐप्स
भारत सरकार की ओर से बैन किए गए 59 ऐप में से सबसे अधिक लोग टिकटॉक को मिस कर रहे हैं, लेकिन कुछ भारतीय कंपनियों ने यूजर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और टिकटॉक की कमी पूरी करने के लिए कुछ ऐप्स लांच किए हैं.
नई दिल्ली:
भारत सरकार की ओर से बैन किए गए 59 ऐप में से सबसे अधिक लोग टिकटॉक को मिस कर रहे हैं, लेकिन कुछ भारतीय कंपनियों ने यूजर की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए और टिकटॉक की कमी पूरी करने के लिए कुछ ऐप्स लांच किए हैं. इन ऐप्स को डाउनलोड कर आप भी बोल उठेंगे, टिकटॉक बैन हो गया तो क्या हुआ, ये भारतीय ऐप्स हैं न. टिकटॉक के विकल्प के रूप में भारत में स्वदेशी चिंगारी ऐप (Chingari App) तेजी से जगह ले रहा है और करोड़ों मोबाइल यूजरों ने इसे डाउनलोड भी कर लिया है. गूगल प्ले स्टोर पर चिंगारी ऐप को 4 स्टार रेटिंग मिली हुई है.
यह भी पढ़ें : आतंकी केस: पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह समेत 6 लोगों के खिलाफ NIA ने दाखिल की चार्जशीट
इस ऐप में वीडियो को अपलोड और डाउनलोड किया जा सकता है. इसके अलावा चैटिंग, फीड के जरिए ब्राउजिंग के साथ वॉट्सऐप स्टेटस, वीडियो-ऑडियो क्लिप्स, GIF स्टिकर्स और फोटोज के साथ क्रिएटिविटी की जा सकती है. कई भारतीय भाषाओं का ऑप्शन भी यह ऐप यूजर को देता है.
टिकटॉक बैन किए जाने से पहले ही चिंगारी ऐप पॉपुलर होने लगा था. चाइनीज़ ऐप बैन होने से पहले करीब 25 लाख लोगों ने चिंगारी ऐप को डाउनलोड किया था. Chingari ऐप गूगल प्ले पर 2018 में जारी किया गया था और इसे भारतीय यूज़र्स की जरूरतों और मांग को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था.
चिंगारी के अलावा, स्वदेशी 'बोलो इंडिया' और 'trell' जैसी घरेलू ऐप भी लोकप्रिय हो रहे हैं. हर घंटे 20 लाख व्यूज आ रहे हैं. इसके अलावा टिकटॉक के देसी विकल्प bolo indiya और trell पर टिकटॉक स्टार शिफ्ट हो रहे हैं. ट्रैफिक ग्रोथ आम दिनों के मुकाबले अब 5 गुना तक बढ़ती नज़र आ रही है.
यह भी पढ़ें : 21 जुलाई से शुरू हो सकती है अमरनाथ यात्रा, सिर्फ इतने हजार श्रद्धालुओं को मिल सकती है इजाजत
उधर, शेयरचैट ने भी समय की नजाकत को भांपते हुए टिकटॉक की तरह Moj ऐप को लॉन्च किया है. इस ऐप में टिकटॉक के जैसे ही फीचर्स मिलते हैं जिसमें शॉर्ट वीडियो, स्टीकर्स, स्पेशल इफेक्ट्स शामिल हैं और यह गूगल प्ले स्टोर पर फ्री में उपलब्ध है. यह 15 भाषाओं को सपोर्ट करता है. एक अध्ययन में सामने आया है कि मोबाइल एप्लिकेशन ग्रोथ के मामलें में भारत पहले नंबर पर है. चीनी ऐप्स पर बैन के बाद इन कंपनियों के लिए सुनहरा मौका हाथ लगा है.