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इस भोजपुरी स्टार ने मचाई धूम, यूट्यूब पर गाने को 80 लाख लोगों ने देखा

आजकल भोजपुरी का एक नया सितारा बड़ी तेजी के साथ उभर कर सामने आया है. इस उभरते हुए सितारे का नाम है अरविंद अकेला उर्फ कल्लू (Arvind Akela Kallu). अरविंद के गाने को यूट्यूब पर 80 लाख लोगों ने देख लिया है.

News Nation Bureau
| Edited By :
08 Mar 2021, 05:00:10 PM (IST)

highlights

  • बिहार के बक्सर जिले के रहने वाले हैं अरविंद
  • पिता की रिक्शे की दुकान थी
  • बचपन से था गाने का शौक

नई दिल्ली:

भोजपुरी फिल्मों में जब जिक्र होता है तो दिमाग में मनोज तिवारी, रविकिशन, खेसारी लाल यादव और निरहुआ के नाम सामने आते हैं. लेकिन आजकल एक नया सितारा बड़ी तेजी के साथ उभर कर सामने आया है. इस उभरते हुए सितारे का नाम है अरविंद अकेला उर्फ कल्लू (Arvind Akela Kallu).  अरविंद अकेला के सोशल मीडिया में काफी प्रशंसक हैं. उनका एक गाना बड़ी तेजी के साथ वायरल हो रहा है. इस गाने के बोल हैं  'लागता इंजेक्शन होली में'. इस गाने को 6 मार्च को ही रिलीज किया गया है और इस गाने को अभी तक 10 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. इस गाने के बोल सोनू सुधाकर ने लिखे हैं, जबकि संगीत आर्या शर्मा ने दिया है.

वहीं उनका एक और गाना 'जिए ना देबू का ए पतरको, खरे परान लेबू का ए सवरको' यूट्यूब पर धमाल मचाए हुए है. इस गाने को अरविंद अकेला और खुशबू तिवारी ने मिलकर गाया है. इस गाने को आर आर पंकज ने लिखा है और आर्या शर्मा ने इसका संगीत दिया है. इस गानों को अब तक 80 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. वहीं इनके एक और गाने को काफी पसंद किया जा रहा है.

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फुल ग्लैमर से भरपूर इस गाने को अरविंद अकेला कल्लू के फैंस काफी पसंद कर रहे हैं. इस गाने में अरविंद अकेला उर्फ कल्लू ने काफी बेहतरीन डांस किया है. वीडियो में उनकी और उनकी को-स्टार की कैमिस्ट्री लोगों को काफी पसंद आ रही है. कल्लू ने बहुत छोटी-सी उम्र में गाना शुरू कर दिया था. और इन्हें कामयाबी भी जल्दी मिल गई थी.

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अपने गानों से लोगों के दिलों में घर करने वाले एक्टर व सिंगर अरविंद अकेला उर्फ 'कल्लू' का जन्म 26 जुलाई 1997 को बिहार के बक्सर जिले के अहिरौली गांव में हुआ था. इनके पिता का नाम चुनमुन चौबे और माता का नाम किरण देवी है. चुनमुन चौबे की अपने गांव के मोड़ पर ही रिक्शे की दुकान थी, जिसकी कमाई से वो अपने परिवार का पूरा खर्च उठाते थे. अकेला ने अपना बचपना अपने गांव (अहिरौली) में ही बिताया था. उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई-लिखाई भी बक्सर जिले से ही की थी.