.

वाराणसी में पीएम नरेंद्र मोदी के विरोध में देशभर से आए अनोखे प्रत्याशी

2014 में मोदी के खिलाफ 41 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इस साल यह संख्या घटकर 25 हो गई है. लेकिन उनके खिलाफ विरोधी भी अपने ही ढंग से प्रचार कर रहे हैं.

News Nation Bureau
| Edited By :
17 May 2019, 10:15:15 AM (IST)

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की हाईप्रोफाइल सीट वाराणसी में लोकतंत्र का सजग उदहारण देखने को मिल रहा है. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चुनाव लड़ने कोई रिटायर्ड आर्मी का जवान गांधी जी के वेशभूषा में चुनाव लड़ने पहुंचा है तो कोई गरीबी से लड़ने की कसम खाकर कर कनौज से चुनाव लड़ने यहां पहुंचा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) का उनके लोकसभा क्षेत्र वाराणसी में असल में कोई मुकाबला नहीं है. यह ऐसा तथ्य है, जिसे उनके घोर आलोचक भी स्वीकार करेंगे. हालांकि, उनके खिलाफ लड़ रहे प्रत्याशियों पर अगर गौर करें तो कुछ रोचक तथ्य निकलकर सामने आते हैं.

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल हिंसा : BJP नेता मुकुल राय की गाड़ी में उपद्रवियों ने की तोड़फोड़, लगाए TMC के नारे

2014 में नरेंद्र मोदी के खिलाफ 41 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था. इस साल यह संख्या घटकर 25 हो गई है. लेकिन उनके खिलाफ विरोधी भी अपने ही ढंग से प्रचार कर रहे हैं. ऐसे ही हैं उमेश चंद्र कटियार, जो कनौज के रहने वाले हैं और पहले कनौज से पर्चा भरा पर वो रद्द हुआ.

फिर उमेश चंद्र कटियार ने गृहमंत्री के संसदीय क्षेत्र लखनऊ (Lucknow) से पर्चा भरा, लेकिन उनकी किस्मत ने वहां भी साथ छोड़ दिया और पर्चा वहां भी रद्द हो गया. उमेश चंद्र कटियार ने हार नहीं मानी और प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से पर्चा भरा तो यहां उनका पर्चा वैध हो गया. अब गरीबों के हक में वाराणसी की सड़कों पर अकेले ही लाउडस्पीकर लेकर अपना प्रचार कर रहे हैं और अपने लिए वोट मांग रहे हैं. उमेश कहते हैं कि पीएम मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ना कठिन जरूर है, लेकिन उन्हें लोकतंत्र पर विश्वास है और वो अपना कर्म कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें- तेजप्रताप का दर्द फिर छलका, बोले आई मिस यू पापा, जानें उन्हें क्यों याद आए लालू प्रसाद

वाराणसी (Varanasi) की सड़कों पर महात्मा गांधी की वेशभूषा में एक शख्स अपना चुनाव प्रचार कर रहा है. ये हैं महाराष्ट्र के एक किसान मनोहर आनंद राव पाटील, जो महात्मा गांधी की तरह कपड़े पहनते हैं और अपने गले में उनका फोटो लटकाए रखते हैं. वह कहते हैं, 'मैं यहां मोदी को हराने नहीं आया हूं. मैं उनका ध्यान किसानों की दुर्दशा और बढ़ते भ्रष्टाचार की ओर दिलाना चाहता हूं.’

यह भी पढ़ें- पश्चिम बंगाल में 20 घंटे पहले थमा चुनाव प्रचार, EC के ऐतिहासिक फैसले से विपक्षी पार्टियों में नाराजगी

चिल-चिलाती धूप में नंगे पैर महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के विचारों को साथ लेकर ये भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इनका कहना है कि गांधी जी के विचार ही उनके जीवन जीने का उद्देश्य हैं, इसलिए वो ऐसी वेशभूषा बनाये हुए हैं. उनका प्रचार का तरीका भी अनोखा है. उनके पास न फोन है और नहीं वो किसी होटल और धर्मशाला में रहते है, बल्कि किसी मंदिर और मठ में रहकर रात बिताते हैं और दिन में फिर निकल पड़ते हैं अपने खुद के चुनाव प्रचार पर. सबसे बड़ी बात मनोहर खुद आर्मी के रिटायर्ड जवान है और अब देश की सेवा में और भ्रस्टाचार को मुक्त करने के लिए अपना जीवन समर्पित करना चाहते हैं.

यह वीडियो देखें-