मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा, जानें सियासी समीकरण
मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट (Matigara-Naxalbari ) पश्चिम बंगालके दार्जिलिंग जिले में आती है. साल 2016 को विधानसभा में मतिग्र-नक्सलबाड़ी (Matigara-Naxalbari ) में कुल 84 प्रतिशत वोट पड़े.
highlights
- मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट पश्चिम बंगालके दार्जिलिंग जिले में आती है.
- मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है.
- बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान, सत्ता के लिए आरपार की लड़ाई.
मतिग्र-नक्सलबाड़ी:
मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट (Matigara-Naxalbari ) पश्चिम बंगालके दार्जिलिंग जिले में आती है. साल 2016 को विधानसभा में मतिग्र-नक्सलबाड़ी (Matigara-Naxalbari ) में कुल 84 प्रतिशत वोट पड़े. साल 2016 में इंडियन नेशनल कांग्रेस से शंकर मालाकार ने ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस के अमर सिन्हा को 18627 वोटों के मार्जिन से हराया था. उन्होंने 2011 के चुनावों में भी जीत हासिल की. बता दें कि मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट पश्चिम बंगाल की महत्वपूर्ण विधानसभा सीट है, जहां साल 2016 में इंडियन नेशनल कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इस बार मतिग्र-नक्सलबाड़ी विधानसभा सीट के परिणाम किस पार्टी के पक्ष में होंगे, यह जनता को तय करना है.
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माटीगारा-नक्सलबाड़ी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र, अनुसूचित जाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है, यहां कुल 2,22,997 पात्र मतदाता हैं, जिनमें से 1,13,581 पुरुष और 1,09,415 महिलाएं हैं. नक्सलबाड़ी दार्जिलिंग लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां तृणमूल कांग्रेस के अमर सिंह राय ने भाजपा के राजू सिंह बिस्ट (जिन्होंने मौजूदा सांसद एसएस अहलुवालिया की जगह लिया है) के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है.
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वहीं कांग्रेस के शंकर मालाकार (नक्सलबाड़ी-माटीगारा सीट से विधायक) और माकपा के समन पाठक भी मैदान में हैं. नक्सलबाड़ी के टाउन क्लब में भाजपा का पार्टी ऑफिस है जो कार्यकर्ताओं और पाटी के झंडे से पटा हुआ है.
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बीजेपी-टीएमसी के बीच सियासी घमासान
साल 2016 में हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का यहां पर दूर-दूर तक नाम-ओ-निशान नहीं था, लेकिन लोकसभा चुनाव 2019 में अमित शाह की अगुवई में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में धमाकेदार प्रदर्शन किया और 18 सीटें जीतीं जिसके बाद अब यहां पर बीजेपी टीएमसी की सबसे निकटतम प्रतिद्वंदी दिखाई दे रही है. पश्चिम बंगाल के मौजूदा राजनीतिक हालात को देखते हुए कुछ भी कहना मुश्किल है. एक ओर बीजेपी ने पूरी टीएमसी को तोड़कर रख दिया है.