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पेट्रोल-डीजल पर मोदी सरकार ने कमाए 20 लाख करोड़ रुपये, जनता से साझा करे मुनाफा : कांग्रेस

कांग्रेस ने कहा, आज कच्चे तेल की कीमत 23 डॉलर प्रति बैरल हो गई है. छह वर्षों में कीमत में गिरावट और उत्पाद शुल्क का हिसाब लगाया जाए तो सरकार को कुल 20 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.

Bhasha
| Edited By :
06 Apr 2020, 03:19:29 PM (IST)

दिल्ली:

कांग्रेस (Conngress) ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस (Corona Virus) संकट के दौरान जनता को राहत देने के लिए पेट्रोल एवं डीजल पर कमाए मुनाफे का एक हिस्सा जनता के साथ साझा करना चाहिए. पार्टी प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने यह दावा भी किया कि पिछले छह वर्षों में सरकार को पेट्रोल एवं डीजल के जरिये 20 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, 'आज कच्चे तेल की कीमत 23 डॉलर प्रति बैरल हो गई है अगर छह वर्षों में कीमत में गिरावट और उत्पाद शुल्क का मिलाकर हिसाब लगाया जाए तो सरकार को कुल 20 लाख करोड़ रुपये का मुनाफा हुआ है.'

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सिंघवी ने कहा, ''आज पेट्रोल की कीमत 70 रुपये से अधिक और डीजल की कीमत करीब 65 रुपये है यह किस प्रकार का लगान है? अंग्रेजों ने भी अकाल के समय लगान नहीं लिया था." उन्होंने कहा, ''यह समय पेट्रोल और डीजल पर मुनाफा कमाने का नहीं, बल्कि जनता के साथ मुनाफा साझा करने और उनका ख्याल रखने का है" सिंघवी ने कहा कि सरकार को इस मुनाफे का एक हिस्सा जनता के साथ साझा करना चाहिए.

उधर, अंतर्राष्ट्रीय बाजार से खबर है कि तेल बाजार की हिस्सेदारी को लेकर छिड़े संग्राम में अमेरिकी मध्यस्थता से युद्धविराम आने की उम्मीदों से पिछले सप्ताह अंतर्राष्ट्ररीय बाजार में कच्चे तेल (Crude Oil News) के दाम में जबरदस्त तेजी आई थी. मगर, तेल बाजार की हिस्सेदारी की प्रतिस्पर्धा के दो प्रमुख प्रतिद्वंद्वी रूस और सउदी अरब के बीच इस बाबत संभावित बैठक गुरूवार तक के लिए टलने से तेल की तेजी पर ब्रेक लग गया. सउदी अरब तेल निर्यातक देशों का समूह ओपेक का प्रमुख सदस्य होने के साथ-साथ अमेरिका के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल उत्पादक है. वहीं, रूस दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा तेल उत्पादक है.

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बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड के सबसे सक्रिय सौदे में पिछले सत्र के मुकाबले दो फीसदी जबकि अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट में तीन फीसदी से ज्यादा की गिरावट के साथ कारोबार चल रहा था. एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट और एनर्जी रिसर्च मामलों के जानकार अनुज गुप्ता ने बताया कि तेल के उत्पादन में कटौती कर बाजार मे संतुलन बनाने के मकसद से सउदी और रूस के बीच होने वाली बैठक टलने के बाद बाजार में आपूर्ति आधिक्य की चिंता फिर बढ़ गई है जिससे तेल की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है.

अंतर्राष्ट्ररीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर ब्रेंट क्रूड के जून डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 2.02 फीसदी की कमजोरी केक साथ 33.42 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि कारोबार दौरान ब्रेंट क्रूड का भाव 30.68 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा. वही, न्यूयार्क मर्केंटाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर डब्ल्यूटीआई के मई अनुबंध में पिछले सत्र से 3.61 फीसदी की गिरावट के साथ 27.62 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था जबकि कारोबार के दौरान अमेरिकी बेंचमार्क क्रूड का भाव 25.41 डॉलर प्रति बैरल तक टूटा.