रिजर्व बैंक ने येस बैंक पर रोक लगाई, बोर्ड भंग, निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय
आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि येस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है.
नई दिल्ली:
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बृहस्पतिवार को नकदी संकट से जूझ रहे निजी क्षेत्र के येस बैंक के निदेशक मंडल को भंग करते हुए उस पर प्रशासक नियुक्त कर दिया है. इसके साथ ही बैंक के जमाकर्ताओं पर निकासी की सीमा सहित इस बैंक के कारोबार पर कई तरह की पाबंदिया लगा दी गयी हैं. केंद्रीय बैंक ने अगले आदेश तक बैंक के ग्राहकों के लिए निकासी की सीमा 50,000 रुपये तय की है. बैंक का नियंत्रण भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के नेतृत्व में वित्तीय संस्थानों के एक समूह के हाथ में देने की तैयारी की गयी है.
आरबीआई ने देर शाम जारी बयान में कहा कि येस बैंक के निदेशक मंडल को तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया गया है और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) प्रशांत कुमार को येस बैंक का प्रशासक नियुक्त किया गया है. इससे करीब छह माह पहले रिजर्व बैंक ने बड़ा घोटाला सामने आने के बाद शहर के सहकारी बैंक पीएमसी बैंक के मामले में भी इसी तरह का कदम उठाया गया था. येस बैंक काफी समय से डूबे कर्ज की समस्या से जूझ रहा है. इससे पहले दिन में सरकार ने एसबीआई और अन्य वित्तीय संस्थानों को येस बैंक को उबारने की अनुमति दी थी.
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पिछले साल हुआ था पीएमसी बैंक घोटाला
पिछले साल सितंबर में पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ओपरेटिव बैंक के पूर्व प्रबंधन और एचडीआईएल के प्रवर्तकों के खिलाफ घोटाला उजागर हुआ था. मुंबई पुलिस ने रिजर्व बैंक की तरफ से नियुक्त किए गए प्रशासक की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया था. पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ओपरेटिव बैंक के पूर्व प्रबंधन और एचडीआईएल के प्रवर्तकों के खिलाफ जालसाजी, धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश का आरोप है जिसके बाद पुलिस आर्थिक अपराध शाखा ने उनके खिलाफ केस दर्ज किया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बैंक के पूर्व चेयरमैन वरयाम सिंह, प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा एचडीआईएल के निदेशक वाधवन का नाम एफआईआर में है. बताया जा रहा है कि 2008 से बैंक का घाटा 4,355.46 करोड़ का हो चुका है.
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पीएमसी बैंक घोटाले में ये थे आरोप
खबरों के मुताबिक आरोप है कि एचडीआईएल के प्रवर्तकों ने बैंक प्रबंधन के साथ मिलकर भांडुप शाखा से लोन लिया. लोन का भूगतान न कर पाने के बावजूद एचडीआईएल को एनपीए के रूप वर्गीकृत नहीं किया गया और इस चीज को आरबीआई से भी छिपाया.आरोप है कि इन लोगों ने कंपनी के नकली खाते भी बनाए जिन्होंने छोटे-छोटे कर्ज लिए. इतना ही नहीं बैंक की जाली रिपोर्ट भी बनाई गई ताकि कंपनी नियामक निगरानी से बच सके. पुलिस की आर्थिक आपराधिक शाखा ने प्रशासक की शिकायत के बाद इन सभी लोगों पर आईपीसी की धारा 409, 420, 465, 466 और 471 के तहत शिकायत दर्ज की गई है. इसके अलावा धारा 120 बी के तहत केस दर्ज किया गया है.