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एक अप्रैल से कर्नाटक में बढ़ेंगी टैक्स दरें, पेट्रोल और डीजल सहित बढ़ेंगे शराब के भी दाम

पेट्रोल और डीजल पर कर तीन प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय किया गया. इससे राज्य में पेट्रोल 1.60 रुपये तथा डीजल 1.59 रुपये प्रति लीटर महंगा हो जाएगा.

Updated on: 05 Mar 2020, 07:45 PM

नई दिल्‍ली:

कर्नाटक में एक अप्रैल से पेट्रोल (Petrol), डीजल (Diesel) और शराब (Wine) महंगी हो जाएगी. राज्य की भाजपा सरकार ने बृहस्पतिवार को 2020-21 के बजट में अतिरिक्त संसाधन जुटाने के इरादे से इन ईंधनों पर कर में वृद्धि का प्रस्ताव किया है. राज्य की कठिन वित्तीय स्थिति को देखते हुए ये प्रस्ताव किये गये. पेट्रोल और डीजल पर कर तीन प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय किया गया. इससे राज्य में पेट्रोल 1.60 रुपये तथा डीजल 1.59 रुपये प्रति लीटर महंगा हो जाएगा.

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा (CM BS Yediyurappa) ने विधानसभा में 2020-21 का बजट (Budget) पेश करते हुए पेट्रोल पर कर की दर 32 प्रतिशत से बढ़ाकर 35 प्रतिशत और डीजल पर 21 प्रतिशत से 24 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया. वित्त मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे येदियुरप्पा ने भारत में बनी शराब (कर्नाटक में बनी शराब) पर सभी 18 स्लैब में उत्पाद शुल्क 6 प्रतिशत बढ़ाने का निर्णय किया. हालांकि सस्ता मकान को बढ़ावा देने के इरादे से 20 लाख रुपये से कम मूल्य के नये अपार्टमेंट/फ्लैट के पहली बार पंजीकरण पर स्टांप शुल्क 5 प्रतिशत से घटाकर 2 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है.

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पिछले साल सत्ता में आई बीजेपी का यह पहला बजट
भाजपा सरकार का पिछले साल सत्ता में आने के बाद यह पहला बजट है. वहीं येदियुरप्पा का यह सातवां बजट है. बजट पेश करते हुए येदियुरप्पा ने कहा कि कर्नाटक को वित्तीय कठिनाइयों का सामाना करना पड़ रहा है. इसका कारण केंद्रीय करों में राज्य हिस्से के मद में प्राप्तियों में 8,887 करोड़ रुपये की कमी तथा जीएसटी (माल एवं सेवा कर) क्षतिपूर्ति के रुप में प्राप्त धनमें 3,000 करोड़ रुपये की कमी भी बड़ी वहज है.

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पूंजी निवेश के लिए नई औद्योगिक नीति होगी लागू
जीएसटी क्षतिपूर्ति में जीएसटी क्षतिपूर्ति उपकर की वसूली उम्मीद के अनुरूप नहीं होने के कारण है. वित्त वर्ष 2020-21 के लिये आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने को लेकर विभिन्न क्षेत्रों के लिये कुल 55,732 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिये नई औद्योगिक नीति लागू की जाएगी. नई नीति राज्य के खासकर पिछड़े क्षेत्रों के व्यापक औद्योगिक विकास को ध्यान में रखकर लायी जाएगी.

कर्ज पर मिलेगी ब्याज से छूट
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘उन क्षेत्रों को प्राथमिकता दी जाएगी जो नई प्रौद्योगिकी में अवसर उपलब्ध कराएंगे और रोजगार सृजन करेंगे.’ उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2020-21 के लिये बेंगलुरू विकास क्षेत्र के लिये 8,772 करोड़ रुपये उपलब्ध कराया गया है.’ मुख्यमंत्री ने कहा कि बेंगलुरू के लिये पहली बार एक व्यापक वाहन कार्यक्रम लाया जाएगा. उन्होंने सहकारी बैंकों द्वारा कृषि उपकरण खरीदने के लिये दिये गये कर्ज लौटाने में चूक पर ब्याज से छूट देने का भी प्रस्ताव किया. इससे 92,000 किसानों को लाभ होगा.