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Delhi Riots : दिल्ली दंगों में अब तक हो चुकीं हैं 1647 गिरफ्तारियां, फरार ताहिर का अबतक सुराग नहीं

हिंसा और खुफिया विभाग के सहायक सुरक्षा अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड सहित कई मामलों में वांछित आम आदमी पार्टी का निगम पार्षद ताहिर हुसैन अभी तक गायब है.

Updated on: 05 Mar 2020, 12:02 AM

नई दिल्ली:

उत्तर-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में 24-25 फरवरी को भड़की हिंसा में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा ताबड़तोड़ गिरफ्तारियां करने में जुटी है. यह अलग बात है कि बुधवार तक यूं तो 1647 लोग गिरफ्तार और हिरासत में ले लिए गए, मगर मोस्ट वांटेड ताहिर हुसैन का दिल्ली पुलिस कोई सुराग नहीं लगा सकी है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय द्वारा बुधवार देर रात इन आंकड़ों से संबंधित अधिकृत बयान जारी किया गया. जारी बयान के मुताबिक, हिंसा को लेकर अलग-अलग थानों में अब तक 531 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं. इनमें से 47 मामले सिर्फ शस्त्र अधिनियम के हैं. जबकि गिरफ्तार होने वाले और हिरासत में लिए गए लोगों की संख्या 1647 पहुंच गई है.

हिंसा और खुफिया विभाग के सहायक सुरक्षा अधिकारी अंकित शर्मा हत्याकांड सहित कई मामलों में वांछित आम आदमी पार्टी का निगम पार्षद ताहिर हुसैन अभी तक गायब है. हालांकि दिल्ली पुलिस ने यूपी के संभल से मंगलवार को शाहरुख खान की गिरफ्तारी के बाद दावा किया था कि ताहिर हुसैन की तलाश भी चल रही है. वह भी शीघ्र ही कानून के शिकंजे में होगा.

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आरएएफ ने आगजनी की 300 से अधिक घटनाओं का मुकाबला किया
उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा पर काबू पाने के लिए तैनात किए गए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल की विशेष शाखा द्रुत कार्य बल (आरएएफ) ने आगजनी की 300 से अधिक घटनाओं का मुकाबला किया और कुछ हिंसक प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के अपने प्रमुख दायित्व का निर्वहन किया. अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नीली वर्दीधारी आरएएफ कर्मियों ने जलते हुए घरों में फंसे कई लोगों को बचाकर बाहर निकाला और कई इमारतों में लगी आग बुझाई.

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25 फरवरी को इन स्थानों पर तैनात की गई थीं 8 कंपनियां
आरएएफ के सूत्रों ने बताया कि 25 फरवरी को दयाल बाग, गोविंदपुरी, करावल नगर, खजूरी खास और भजनपुरा जैसे हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में बल की तकरीबन आठ कंपनियां तैनात की गई थीं, जिनमें लगभग सात सौ कर्मी थे. आरएएफ के एक कमांडर ने कहा कि आरएएफ की टुकड़ियों ने क्षेत्र में आगजनी की 300-350 घटनाओं का मुकाबला किया. जवानों और कमांडरों ने आगे बढ़कर मोर्चा संभाला और जलते घरों में घुसकर लोगों को बचाया.