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मदर्स डे: प्रसव के बाद महिलाओं के लिए वरदान है ये योग, इससे बेहतर तोहफा कुछ नहीं

मदर्स डे: प्रसव के बाद महिलाओं के लिए वरदान है ये योग, इससे बेहतर तोहफा कुछ नहीं

मदर्स डे: प्रसव के बाद महिलाओं के लिए वरदान है ये योग, इससे बेहतर तोहफा कुछ नहीं

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IANS
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मदर्स डे:  नई-नई मां के लिए वरदान है ये योग, इससे बेहतर तोहफा कुछ नहीं

(source : IANS) ( Photo Credit : IANS)

नई दिल्ली, 11 मई (आईएएनएस)। आज मदर्स डे है, यानी उस महिला का दिन, जो 206 हड्डियों के टूटने का दर्द सहकर नई जिंदगी को दुनिया में लाती है। हालांकि, एक नन्हीं सी जान को दुनिया में लाने के लिए उसे शारीरिक परिवर्तन से लेकर कई बड़ी-बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। एंग्जाइटी भी इस लिस्ट में शामिल है।

खास बात है कि हमारा योग न्यू मॉम यानी मातृत्व सुख पाने वाली महिलाओं के लिए वरदान है। समस्या का समाधान योग में निहित है। वास्तव में देखें तो मदर्स डे के लिए यह एक बेहतरीन तोहफे की तरह है।

योग फॉर लाइफ की ट्रेनर और को-फाउंडर कविता अरोड़ा ने न्यू मॉम के लिए कौन-कौन से योगासन लाभदायी हैं, इस बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया, “मां बनना हर महिला के जीवन का सबसे खूबसूरत और खास अनुभव होता है। हालांकि, प्रसव के बाद शरीर में कई बदलाव आते हैं। इनमें शारीरिक थकान, हार्मोनल उतार-चढ़ाव, मानसिक तनाव और शारीरिक कमजोरी के साथ तेजी से बढ़ता वजन भी होता है। इन समस्याओं को बाय-बाय करने और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए योगासन प्रभावशाली उपाय है।

उन्होंने आगे बताया, “देखिए, प्रसव के बाद महिलाओं का वजन बढ़ जाता है, तो इस वजह से उनके मन में एक तरह की एंग्जाइटी आ जाती है और दूसरी तरफ नई जिम्मेदारी को लेकर उन पर भावनात्मक दबाव होता है। तो सबसे जरूरी है कि वे अपने मानसिक और शारीरिक तंदुरुस्ती का ख्याल रखें।”

प्रसव के कम से कम चार महीने बाद हैवी योगासन को अपनाना चाहिए। शुरुआत में ध्यान, प्राणायाम, अनुलोम विलोम, भ्रामरी हैं, जिनसे उन्हें बहुत मदद मिलती है।

इसके अलावा आरामदेह प्राणायाम और आसन- जैसे श्वासन, शशांक आसन, पश्चिमोत्तन आसन, जानु शिर्षासन ये सब मदद करते हैं।

बात वजन घटाने की आती है, तो खान-पान पर ध्यान देने के साथ ही उन्हें तितली आसन, चक्की चालन आसन, भुजंगासन, सेतुबंधासन, उत्कटासन आदि करने चाहिए।

भुजंगासन महिलाओं के लिए बेस्ट आसनों में से एक है। इससे शरीर के ऊपरी भागों में खिंचाव होता है और चेहरे पर चमक भी आती है। ब्रेस्टफीडिंग में आने वाली समस्याओं में इससे राहत मिलती है। धनुरासन से वजन घटता है, जिससे मोटापा कम होता है। यह आसन भी शरीर को स्ट्रेच करने में मददगार है। वहीं, सेतुबंधासन शरीर के नीचले हिस्सों के लिए फायदेमंद होता है। फिर भी उम्र और सेहत को ध्यान में रखकर किसी योग विशेषज्ञ से सलाह जरूर लेनी चाहिए।

--आईएएनएस

एमटी/केआर

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