Israel-Iran War: ईरान और इजराइल के बीच पिछले चार दिनों से लगातार हमले हो रहे हैं. दोनों ही देश एक दूसरे को पूरी तरह से परास्त करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस जंग में कोई किसी से कम नहीं पड़ रहा है. जहां इजराइल ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम और सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया है तो वहीं ईरान ने भी इजराइल के कई शहरों पर मिसाइलें दागी है. इजराइल के हमलों में ईरान में अब तक 224 लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि 1200 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. जबकि इजराइल में अब तक 23 लोगों की जान गई है.
इजराइल के हाइफा को निशाना बना रहा ईरान
ईरान ने इजराइल के कई शहरों को निशाना बनाया है. इनमें महत्वपूर्ण और व्यापारिक शहर तेल अवीव और राजधानी यरूशलम के अलावा हाइफा भी शामिल है. हाइफा इजराइल का बहुत महत्वपूर्ण शहर है जो देश का उत्तरी बंदरगाह शहर है. इसी शहर में इजराइल का बड़ा पोर्ट और ऑयल रिफाइनरी स्थित है. ऐसे में हर कोई ये जानना चाहता है कि आखिर ईरान हाइफा को निशाना क्यों बना रहा है. ये शहर इजराइल के जितना महत्वपूर्ण है वहीं इसका भारस से भी खास रिश्ता है.
क्या है हाइफा के महत्व की वजह?
दरअसल, तेल अवीव और यरूशलम के बाद हाइफा इजराइल का तीसरा सबसे बड़ा शहर है. जो इजराइल के उत्तरी हिस्से में है. इस शहरों में देश की एक बड़ी आबादी रहती है. इसके साथ ही ये शहर इजराइल के लिए आर्थिक दृष्टि भी बेहद खास है. क्योंकि हाइफा में कई हाईटेक कंपनियां मौजूद हैं. इनमें माइक्रोसॉफ्ट, गूगल, इंटेल समेत दुनिया की सबसे हाईटेक कंपनियों के ऑफिस हाइफा में ही हैं.
इनके अलावा हाइफा शहर में इजलाइल की सबसे बड़ी ऑयल रिफाइनरी है. जो इस देश की आर्थिक मजबूती में बड़ी भूमिका निभाती है. इसीलिए ईरान लगातार हाइफा को निशाना बना रहा है. इस बीच हाइफा की ऑयर रिफाइनरी को भी ईरान ने निशाना बनाया. उसके बाद यहां से धुआं निकलता हुआ देखा गया. इसके अलावा हाइफा में इजराइल के बंदरगाह भी मौजूद हैं.
जिससे इस शहर का महत्व इजराइल के लिए काफी बढ़ जाता है. हाइफा के बंदरगाह से ही दुनियाभर का समान इजराइल पहुंचता है. साल 2023 में हाइफा के एक पोर्ट का अदाणी ग्रुप ने अधिग्रहण किया था. जिसमें अदाणी ग्रुप की 70 प्रतिशत हिस्सेदारी है. हाइफा में करीब चार लाख लोग रहते हैं. इनमें अरबी आबादी की संख्या काफी है. जिसमें मुस्लिम और ईसाई दोनों धर्मों के मानने वाले शामिल हैं. यही वजह है कि ईरान हाइफा को निशाना बना रहा है. जिससे वह इजराइल को आर्थिक रूप से भी चोट पहुंचा पाए.
जानें क्या है भारत का हाइफा से संबंध
भारत और इजराइल के हाइफा शहर के रिश्ते 100 साल से भी ज्यादा पुराने हैं. जो 1918 की एक ऐतिहासिक घटना से जुड़ा हुआ है. दरअसल, प्रथम विश्व युद्ध भारत की घुड़सवार टुकड़ियां ब्रिटिश साम्राज्य की से लड़ रही थीं. तब भारत की इन्ही टुकड़ियों ने हाइफा शहर को जर्मनी, तुर्की, ऑस्ट्रिया और हंगरी की संयुक्त सेना के से आजाद कराया था. जिसके बारे में आज भी हाइफा के स्कूलों में पढ़ाया जाता है.
हाइफा के बच्चे अब भी मेजर दलपत सिंह को 'हीरो ऑफ हाइफ़ा' के नाम से जानते हैं. युद्ध के दौरान जोधपुर लांसर्स के कमांडर मेजर दलपत सिंह शेखावत शहीद हो गए थे. बाद में उन्हें मिलिट्री क्रॉस से सम्मानित किया गया था. इस जंग में कुल 44 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. जिसे घुड़सवार सेना की अंतिम लड़ाई के मिसाल के रूप में देखा जा ताहै. यही सब ऐतिहासिक घटनाएं हैं जो भारत और हाइफा के रिश्तों को आज भी मजबूती प्रदान करती हैं.
ये भी पढ़ें: Ahmedabad Plane Crash के वक्त बालकनी से कूदते रहे लोग, सामने आया दहला देने वाला वीडियो
ये भी पढ़ें: ईरान से जंग में क्या है नेतन्याहू की रणनीति? इजरायली राजदूत ने न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में किए कई अहम खुलासे