ईरान से जंग में क्या है नेतन्याहू की रणनीति? इजरायली राजदूत ने न्यूज नेशन को दिए इंटरव्यू में किए कई अहम खुलासे

Israel-Iran War: मध्य-पूर्व के देशों में भारी तनाव बना हुआ है. इजरायल और ईरान के बीच पिछले चार दिनों से जंग हो रही है. दोनों देश लगातार एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इस बीच भारत में इजराइली राजदूत रेउवेन से न्यूज नेशन ने बातचीत की

Israel-Iran War: मध्य-पूर्व के देशों में भारी तनाव बना हुआ है. इजरायल और ईरान के बीच पिछले चार दिनों से जंग हो रही है. दोनों देश लगातार एक दूसरे पर हमले कर रहे हैं. इस बीच भारत में इजराइली राजदूत रेउवेन से न्यूज नेशन ने बातचीत की

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Suhel Khan
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Israel-Iran War: मध्य-पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच जंग जारी है. पिछले चार दिनों से दोनों देश एक दूसरे पर हमला कर रहे हैं. इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि दोनों देशों को बातचीत कर मामले का हल निकाल लेना चाहिए. ट्रंप ने कहा है कि इजरायल और ईरान के बीच बातचीत हो सकती है. ऐसे में सवाल ये है कि अगर दोनों देशों के बीच बातचीत हुई तो उसकी शर्तें क्या होंगी? इसके अलावा अगर बातचीत हुई दो इसमें किस देश की भूमिका अहम होगी? इन्हीं सब सवालों के जवाब जानने के लिए न्यूज नेशन ने भारत में इजरायल के राजदूत रेउवेन अजार से बीतचीत की.

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ईरान दो तरह से इजरायल को खत्म करना चाहता है- इजरायली राजदूत

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत रेउवेन अजार से पूछा कि क्या ईरान में इजरायल के एक्शन का मकसद पूरा हुआ है, क्या आपने निर्धारित टारगेट को हिट करने में सफलता पाई है और इसके दीर्घकालिक रणनीतिक उद्देश्य क्या हैं? इसके जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि, इजरायल अपने उद्देश्य में कामयाब हो रहा है. उन्होंने कहा कि ईरान दो तरीके से इजरायल को खत्म करना चाहता है. इसमें पहला परमाणु हथियार शामिल हैं.

इजरायली राजदूत रेउवेन ने कहा कि दूसरा ये कि ईरान 6 साल में 20 हजार बैलिस्टिक मिसाइल का जखीरा तैयार कर रहा था. मिसाइलों से वो इजरायल को बिना परमाणु हथियारों के भी खत्म करने की योजना बना रहा था. उन्होंने कहा कि अगर हमें खुद को बचाना है तो उनसे निपटना होगा.

' ईरान चरमपंथी शासन ने इजरायल को खत्म करने की खाई है कसम'

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से सवाल किया कि ईरानी ठिकानों पर हमले की जरूत क्यों पड़ी. क्या इजरायल का अस्तित्व संकट में था? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि, जी हां, ईरान चरमपंथी शासन ने इजरायल को खत्म करने की कसम खाई है, हमारे चारों ओर रिंग ऑफ फायर कायम किया गया. लेबनान में हिजबुल्लाह, सीरिया में मिलिशिया, इराक, यमन और गाजा में हमास जैसे संगठनों को खड़ा किया गया.

हम ईरान से सीधे टक्कर ले रहे हैं- इजरायली राजदूत

राजदूत रेउवेन अजार ने कहा कि इजरायल तो बस शुरुआत है, मिडिट ईस्ट में असली युद्ध चरमपंथी ईरान के शिया शासन और सुन्नी अरब स्टेट के बीच है. वो मक्का-मदीना पर कब्जा करना चाहते थे, हमारे पास एक्शन के अलावा कोई और विकल्प नहीं था. उन्होंने कहा कि पहले 18 महीने में हमने हमास, हिजबुल्लाह को खत्म किया, लेबनान और सीरिया में ईरान का कंट्रोल खत्म करके हमले हालात बदले. अब हम ईरान से सीधे टक्कर ले रहे हैं.

ईरान सिर्फ हिंसा की भाषा समझता है- राजदूत रेउवेन अजार

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से सवाल किया कि, ईरान इसे एकतरफा सैन्य कार्रवाई कहता है और आप अपने देश में नागरिक ठिकानों पर हमले को युद्ध अपराध बताते हैं, क्या अब बातचीत और कूटनीति का कोई रास्ता नहीं बचा है? इस सवाल के जवाब में राजदूर रेउवेन अजार ने कहा कि दुर्भाग्य से ईरान की मंशा कभी बातचीत की नहीं रही है. वो इजरायल को खत्म करना चाहता है वो सिर्फ हिंसा की भाषा समझते हैं.

हमारा मकसद ईरान की सैन्य क्षमता को खत्म करना- इजरायल

इजरायल सिर्फ मिलिट्री टारगेट को हिट कर रहा है. हमारा मकसद ईरान की सैन्य क्षमता को खत्म करना है और हमारे खिलाफ आक्रमण को रोकना है. उन्होंने आगे कहा कि ईरान सैकड़ों मिसाइलों से हमला कर रहा है. हम मल्टीलेयर डिफेंस सिस्टम से बड़ी तादाद में जिंदगी बचाने में कामयाब रहे हैं. लेकिन दुर्भाग्य से इस हमले में 23 इजरायली नागरिकों की जान गई है.

हम ईरान की जनता के खिलाफ नहीं- इजरायली राजदूत

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से पूछा कि, प्रधानमंत्री नेतन्याहू ईरान के सुप्रीम लीडर को संबोधित नहीं करते बल्कि ईरानी जनता से संवाद करते हैं, ऐसे में क्या आपकी सरकार सत्ता परिवर्तन की नीति अपनाना चाहती है? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत रेउवेन अजार ने कहा कि हमारा मकसद इजरायल की रक्षा करना है और खतरे को खत्म करना है. हमारी ईरान के लोगों से बातचीत है, ईरान के लोगों का सदियों से यहूदी समुदाय से दोस्ताना रिश्ता रहा है. हम ईरान की जनता के खिलाफ नहीं है.

हमारी नीति सत्ता परिवर्तन की नहीं- इजरायल

उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि ईरान के लोगों को आजादी मिले, लेकिन हमारी नीति सत्ता परिवर्तन की नहीं है. सत्ता परिवर्तन का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है, हम लोकतंत्र में यकीन करते हैं हम अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने, अपनी क्षमताओं को बढ़ाने, अपने डिफेंस फोर्सेज को मजबूत करने और अपनी रक्षा करना करना चाहते हैं.

'हमने 7 अक्टूबर की घटना से सीख ली'

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से पूछा कि आपके रक्षा मंत्री ने कहा कि ईरान को अभी सबसे बुरा झेलना बाकी है. वह 'सबसे बुरा' क्या है? इसके जवाब में इजरायली राजदूत रेउवेन अजार ने कहा कि, हमारा मानना है कि जब ईरान की तरफ से बैलिस्टिक मिसाइल के हमले होंगे तो हमारे लोग उसकी जद में आएंगे. इसलिए हमने एयर डिफेंस सिस्टम पर निवेश किया है हमने 7 अक्टूबर की घटना से सीख ली है. हिजबुल्लाह भी हम पर हमला करता रहा. सबसे खराब स्थिति तब होगी, जब ईरान परमाणु हथियार हासिल कर लेगा.

क्षेत्रीय युद्ध के पक्ष में नहीं इजरायल- राजदूत रेउवेन अजार

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत रेउवेन अजार से पूछा कि क्या यह टकराव अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार कर गया है, ऐसे में क्या आपको लगता है कि इलाके में एक क्षेत्रीय महायुद्ध तय है? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि अगर ईरान हमला करेगा तो ये उन देशों पर निर्भर है कि वो क्या करेंगे. इजरायल क्षेत्रीय युद्ध के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर हम इस समय ईरान की परमाणु क्षमता के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगे तो ईरान इस क्षेत्र में युद्ध को हमेशा आगे बढ़ाता रहेगा. 100 साल पहले यूरोप को फैसला लेना था कि हिटलर के नाजी शासन को कैसे नियंत्रित करें, लेकिन वो जंग टालते रहे. पर उन्हें मानवता के इतिहास की सबसे खौफनाक जंग का सामना करना पड़ा. इसमें 6 करोड़ लोग मारे गए.

'करोड़ों लोगों की मौत का कारण बन सकते हैं ईरानी हथियार'

इजरायली राजदूत ने आगे कहा कि अगर हम ईरान के खिलाफ एक्शन नहीं लेंगे तो ईरान जो हथियार जुटा रहा है वो करोड़ों लोगों की मौत का कारण बनेगा हमने देखा है कि वो सीरिया में किस तरह असद के खूनी शासन का समर्थन कर रहे थे. वहां पांच लाख लोग मारे गए. मिडिट ईस्ट का भविष्य और बुरा होगा अगर ईरान की योजना चलती रही. इजरायल पूरे क्षेत्र की रक्षा कर रहा है.

'ईरान की आक्रामकता को रोकने के लिए दुनिया ने कुछ नहीं किया'

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत रेउवेन अजार से पूछा कि क्या अमेरिका और यूरोपीय देशों ने ईरान को रोकने के लिए पर्याप्त कदम उठाए हैं, ईरान और इजरायल को डील कर लेनी चाहिए और वो डील करेंगे. राष्ट्रपति ट्रंप के इस बयान को आप किस नजरिए से देखते हैं? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि, दुनिया ने ईरान की आक्रामकता को रोकने के लिए कुछ नहीं किया. इसलिए हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.

इजरायली राजदूत ने आगे कहा कि हम अमेरिका का धन्यवाद करना चाहते हैं कि उन्होंने हमें रक्षा करने का हक दिया. अब अमेरिका को तय करना है कि वो सैन्य एक्शन लेना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि हम जंग को खत्म करने के लिए कूटनीति का सहारा लेंगे. ये इस बात पर निर्भर करेगा कि ईरान अपने पास अटैक की क्षमता कब तक बची रहेगी. हम लोग चाहेंगे कि ईरान न्यूक्लियर क्षमता विकसित करने में असफल हो.

हम ईरान को नहीं रोकेंगे तो परिणाम भयंकर होंगे- इजरायल

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से पूछा कि ये दावा किया जा रहा है कि ईरान ने इजरायल के परमाणु ठिकानों पर हमला किया है. इस पर आपका क्या कहना है? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि, अगर हम ईरान को नहीं रोकेंगे तो परिणाम भयंकर होंगे, सिर्फ हमारे लिए नहीं बल्कि दुनिया के लिए. इजरायल ऐसा देश है जो समृद्धि चाहता है, आंकड़ों को देखें तो 90 के दशक में ईरान की प्रति व्यक्ति आय 10 हजार डॉलर थी, अब ये 4 हजार डॉलर से कम है. 1990 में इजरायल की प्रति व्यक्ति आय 10 हजार डॉलर से ज्यादा थी. अब इजरायल की प्रति व्यक्ति आय 57 हजार डॉलर है. जब आपके पास स्वतंत्रता है. जब मुक्त बाजार है, जब प्रतिस्पर्धा है लोकतंत्र है तो देश विकास करता है और आप सफल होते हैं. लेकिन ईरान हथियार निर्माण पर फोकस करता है ये ईरान के लोगों के लिए दुखद है.

'पाकिस्तान और तुर्की को गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं'

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से पूछा कि तुर्की और पाकिस्तान खुले रूप से ईरान का समर्थन कर रहे हैं. सैन्य सहयोग के नजरिए से आप इस गठजोड़ को कैसे देखते हैं? इस सवाल के जवाब में इजरायली राजदूत रेउवेन अजार ने कहा कि, मुझे नहीं लगता कि ये गठबंधन है. सिर्फ मौखिक समर्तन से कुछ नहीं होता, ये तब होता है जब आप आर्थिक और सैन्य समर्थन करते हैं. इसे गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है. हमें उन देशों पर ध्यान देना चाहिए जो गंभीर हैं और युद्ध को रोकना चाहते हैं. उदाहरण के लिए भारत है जो बेहतर भविष्य के लिए मिडिट ईस्ट में सहयोग कर रहा है. 

ईरान की मदद करने वालों को चुकानी होगी कीमत- इजरायल

न्यूज नेशन ने राजदूत रेउवेन अजार से पूछा कि क्या हिजबुल्लाह या सीरिया और इराक में ईरान समर्थित मिलिशिया और अब सीधे युद्ध में शामिल हो सकते हैं. इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि हमास और हिजबुल्लाह को न्यूट्राइज करने में सफल रहे हैं, हिजबुल्लाह के पास मिसाइलों का ऐतिहासिक जखीरा था. उनके पास डेढ़ लाख मिसाइल और ऑकेट थे. अब हिजबुल्लाह लेबनान तक सीमित है. अगर वो इजरायल पर हमला करते हैं तो उनके लिए डिजास्टर होगा.

उन्होंने हूती विद्रोहियों को लेकर कहा कि हूती एक चुनौती हैं. कल हमारे पीएम ने कहा कि ईरान न्यूक्लियर बम हूती को निर्यात करने की योजना बना रहा है. ये बेहद खतरनाक स्थिति है इसलिए हम हूती के खिलाफ हमले कर रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि अपनी रक्षा करने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं जो ईरान की मदद करेगा वो उसकी कीमत चुकाएगा.

हमारे भारत से अच्छे संबंध- इजरायली राजदूत

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से पूछा कि, ऑपरेशन सिंदूर का आपने खुलकर समर्थन किया था, भारत के ईरान से भी अच्छे कूटनीतिक संबंध हैं. क्या आप उम्मीद कर सकते हैं कि भारत इजरायल और ईरान के बीच तनाव कम करने में मध्यस्थता कर सकता है. इसके जवाब में इजरायली राजदूत ने कहा कि, ये भारत को फैसला लेना है. हमारे भारत की सरकार से अच्छे संबंध हैं कल हमारे पीएम ने भारत के प्रधानमंत्री से बात की. दोनों देशों के विदेश मंत्रियों, एनएसए लेवल की बातचीत हुई है. अरब देशों के साथ भारत की इस क्षेत्र में सकारात्मक भूमिका है. हम इलाके में स्थितरता और विकास की योजना बना रहे हैं. हम विकसित मिडिट ईस्ट चाहते हैं हम भारत सरकार के साथ बातचीत जारी रखेंगे.

हमारे पास दुनिया का सबसे बेहतर डिफेंस सिस्टम- इजराइल

न्यूज नेशन ने राजदूत रेउवेन अजार से पूछा कि, हर भारतीय के दिमाग में ये सवाल है कि इजरायल के पास बेहतरीन एयर डिफेंस सिस्टम है. बावजूद इसके ईरान सिविलियन इलाके में हमले करने में सफल क्यों हो रहा है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि, हमारा एयर डिफेंस सिस्टम दुनिया का सबसे बेहतरीन डिफेंस सिस्टम है. हमने इसमें भारी निवेश किया है. ईरान को देखते हुए हमने तैयारी की है. बैलिस्टिक मिसाइल बेहद खतरनाक होते हैं, 90 फीसदी मामलों में हम सफल रहे हैं. लेकिन मिसाइलें गिरी हैं और कुछ लोगों की मौत हुई है. ईरान हजारों लोगों को मारना चाहता है. हमारे शहर को खत्म करना चाहता है. लेकिन वो फेल हो गए. हमने अपने शहरों को बचा लिया है इसलिए एयर डिफेंस सिस्टम सफल रहा है.

इस जंग से बातचीत की गुंजाइश बनी है- इजरायली राजदूत

न्यूज नेशन ने इजरायली राजदूत से सवाल किया कि, क्या ईरान के साथ कूटनीतिक समाधान की गुंजाइश अब भी संभव है. या यह युद्ध उस रास्ते को हमेशा के लिए बंद कर चुका है? इस सवाल के जवाब में राजदूर रेउवेन अजार ने कहा कि, मुझे लगता है कि इस जंग से बातचीत की गुंजाइश बनी है.  पहले ईरान समझौते की आड़ में लगातार खुद को ताकतवर बना रहा था. लेकिन अब ईरान कमजोर हुआ है.  ईरान के एयर स्पेस पर इजरायल का कंट्रोल है. उन्होंने कहा कि ये बातचीत का सही वक्त है अब अमेरिका और दूसरे देश ईरान को बातचीत के टेबल पर लाकर समझौता करवा सकते हैं. अब कूटनीति का ढोंग नहीं चलेगा. मुझे लगता है कि ईरान के कमजोर होने से डिप्लोमेसी के जरिए शांति के रास्ते खुलेंगे. 

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