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Bangladesh PM Khaleda Zia
Who was Khaleda Zia:बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री खालिदा जिया का मंगलवार (30 दिसंबर 2025) को 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. उनकी पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने एक आधिकारिक बयान जारी कर इस दुखद खबर की पुष्टि की. बीएनपी के अनुसार, खालिदा जिया ने सुबह फज्र की नमाज के कुछ समय बाद ढाका के एवरकेयर हॉस्पिटल में सुबह 6 बजे अंतिम सांस ली.
किन बीमारियों से ग्रसित थीं खालिदा जिया?
बता दें कि खालिदा जिया लंबे समय से गंभीर बीमारियों से जूझ रही थीं. पार्टी के मुताबिक, वह लिवर सिरोसिस, डायबिटीज, गठिया, दिल और सीने से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित थीं. बीते कुछ महीनों से उनकी हालत लगातार नाजुक बनी हुई थी और विशेषज्ञ डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था. नवंबर के अंत में उनकी तबीयत और बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
कौन थीं खालिदा जिया?
खालिदा जिया बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं, जिन्हें लोकतांत्रिक तरीके से चुना गया. वह पहली बार 1991 में प्रधानमंत्री बनीं और 1996 तक इस पद पर रहीं. इसके बाद वह 2001 में दोबारा सत्ता में लौटीं और 2006 तक प्रधानमंत्री रहीं. वह मुस्लिम दुनिया में पाकिस्तान की बेनजीर भुट्टो के बाद दूसरी महिला प्रधानमंत्री थीं.
#WATCH | From ANI archives - The life and times of Bangladesh's first female Prime Minister, Khaleda Zia, who died earlier today at the age of 80. pic.twitter.com/bGWbbNcwmX
— ANI (@ANI) December 30, 2025
उनका जन्म 15 अगस्त 1945 को तत्कालीन ब्रिटिश भारत के बंगाल प्रांत के जलपाईगुड़ी (अब पश्चिम बंगाल, भारत) में हुआ था. उनका राजनीतिक जीवन उनके पति जियाउर रहमान से जुड़ा रहा, जो बांग्लादेश के राष्ट्रपति थे. साल 1981 में जियाउर रहमान की हत्या के बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं.
बीएनपी में अहम भूमिका
जियाउर रहमान ने 1978 में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) की स्थापना की थी. पति की मौत के बाद खालिदा जिया पहले पार्टी की सामान्य सदस्य बनीं, फिर 1983 में उपाध्यक्ष और 1984 में पार्टी की अध्यक्ष चुनी गईं. उन्होंने सैन्य शासन के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसके चलते 1990 में तानाशाही शासन का अंत हुआ और देश में लोकतांत्रिक चुनाव संभव हो सके.
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खालिदा जिया और अवामी लीग की नेता शेख हसीना के बीच दशकों तक चली राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता ने बांग्लादेश की राजनीति को गहराई से प्रभावित किया. दोनों नेताओं के बीच सत्ता संघर्ष देश की राजनीति का केंद्र रहा.
खालिदा जिया को भ्रष्टाचार मामले में हुई थी जेल
हालांकि, खालिदा जिया का राजनीतिक जीवन विवादों से भी जुड़ा रहा. उनके दूसरे कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश को भ्रष्टाचार के मामलों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आलोचना झेलनी पड़ी. साल 2018 में शेख हसीना सरकार के दौरान उन्हें भ्रष्टाचार के मामलों में जेल भेजा गया. खालिदा जिया ने इन मामलों को राजनीतिक साजिश बताया. बाद में खराब स्वास्थ्य के कारण उन्हें अस्पताल और फिर घर में नजरबंद रखा गया. नवंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतिम भ्रष्टाचार मामले में बरी कर दिया था.
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खालिद जिया का परिवार
परिवार की बात करें तो उनके बड़े बेटे तारीक रहमान बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष हैं और हाल ही में लंबे समय (17 साल) बाद बांग्लादेश लौटे थे. उनके छोटे बेटे आराफात रहमान ‘कोको’ का 2015 में निधन हो गया था. खालिदा जिया का निधन बांग्लादेश की राजनीति के एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है. उन्होंने दशकों तक देश की राजनीति को दिशा दी और महिला नेतृत्व की एक मजबूत मिसाल कायम की.
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