PM Modi visit in Mauritius: इस समय पीएम नरेंद्र मोदी मॉरीशस के दौरे पर हैं. यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पोर्ट लुईस में प्रयागराज महाकुंभ से लाए गए गंगाजल को गंगा तालाब (ग्रैंड बेसिन) में मिलाया. ऐसे में हम जानते हैं कि आखिर मॉरिशस में गंगा तालाब का क्या महत्व है और हिंदू धर्म मानने वाले लोग आखिर में पैदल चलकर वहां क्यों जाते हैं?
दरअसल, गंगा तालाब मॉरीशस में ऐसी जगह है जहां शांत ज्वालामुखी के एक क्रेटर में बना जलाशय है. यह जगह मॉरीशस में बसे हिंदू लोगों को बहुत पवित्र है जहां हिंदू भगवान शिव, हनुमान और देवी लक्ष्मी का भव्य मंदिर है. वहां के लोग इस जगह पर इतनी आस्था रखते हैं कि सभी तीर्थयात्री इस तालाब तक नंगे पैर चलकर जाते हैं.
तालाब के किनारे ही 108 फीट ऊंची महादेव की मूर्ति
इस तालाब के किनारे ही 108 फीट ऊंची महादेव की मूर्ति है जो गंगा तालाब के प्रवेशद्वार पर ही है. इस प्रतिमा को 2007 में स्थापित किया गया था और यह प्रतिमा मॉरीशस की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इसके अलावा दुर्गा देवी की भी 108 फीट ऊंची प्रतिमा है. यहां के हिंदू दुर्गा पूजा और महाशिवरात्रि को त्योहार की तरह मनाते हैं. महाशिवरात्रि पर यहां राष्ट्रीय अवकाश घोषित है और यहां के हिंदुओं का पवित्रतम त्योहार है.
सपने में दिखी थी गंगा
इस जगह के बारे में एक मान्यता भी है. साल 1857 में यहां दो पुजारियों ने सपना देखा था कि ग्रैंड बेसिन की झील का जल जाह्नवी से उत्पन्न हुआ और गंगा जी का एक भाग बन गया है. जब इस सपने की बात बाहर निकली तो यह बात पूरे मॉरीशस में फैल गई. उसी साल कई तीर्थयात्री ग्रैंड बेसिन तक पैदल चलकर पहुंचे, तालाब से जल लिया और महाशिवरात्रि के दिन शिव जी को अर्पित किया. तभी से यह परंपरा बन गई है कि प्रत्येक महाशिवरात्रि पर श्रद्धालु गंगा तालाब तक पैदल यात्रा करते हैं.
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