US Protest: अमेरिका में पिछले साल अक्टूबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप को जनता का भारी समर्थन मिला. उसके बाद वह दूसरी बार दुनिया के सबसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति बन गए. हालांकि छह महीने के भीतर ही अमेरिका में ट्रंप का जबरदस्त विरोध होना शुरू हो गया. राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ एक दो जगह नहीं बल्कि 1200 से अधिक स्थानों पर विरोध प्रदर्शन हो रहा है. अमेरिका के सभी 50 राज्यों में उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा दिखाई दे रहा है.
क्यों हो रहा राष्ट्रपति ट्रंप का विरोध?
दरअसल, अमेरिका में ही नहीं बल्कि यूरोप के भी कई देशों में शनिवार और रविवार को ट्रंप के खिलाफ लोगों को प्रदर्शन करते देखा गया. ये विरोध प्रदर्शन डोनाल्ड ट्रंप के भारी-भरकम टैरिफ और उनकी नीतियों के खिलाफ हो रहा है. जिससे पूरी दुनिया के शेयर बाजारों को हिलाकर रख दिया है. प्रदर्शनकारी ट्रंप ही नहीं बल्कि उनके सलाहकार उद्योगपति एलन मस्क का भी विरोध कर रहे हैं और 'ट्रंप-मस्क गो बैक' के नारे लगा रहे हैं.
1200 से ज्यादा स्थानों पर हो रहे प्रदर्शन
बता दें कि राष्ट्रपति ट्रंप का विरोध टैरिफ की वजह से हो रही छटनी, अर्थव्यवस्था और मानवाधिकार के मुद्दे पर हो रहा है. इस प्रदर्शन में हजारों लोग शामिल हैं. जिनमें सिविल राइट्स ग्रुप, श्रमिक संघ, एलजीबीटीक्यू और महिला अधिकारों से जुड़े ग्रुप भी ट्रंप के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं. ट्रंप के खिलाफ शनिवार को 1200 से ज्यादा स्थानों पर प्रदर्शन हुए.
इस दौरान हजारों लोग सड़कों पर उतर आए. पांच अप्रैल को प्रदर्शनकारियों ने 'हैंड्स ऑफ' प्रोटेस्ट प्रदर्शन की शुरुआत की. लोग ट्रंप प्रशासन की नीतियों के खिलाफ विरोध करते दिखे. ये प्रदर्शन खासकर ट्रंप के छंटनी और सामूहिक डिपोर्टेशन नीति के खिलाफ था. राजधानी वाशिंगटन डीसी के नेशनल मॉल से लेकर मैनहट्टन और बॉस्टन तक प्रदर्शनकारियों ने ट्रंप और मस्क के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
रैलियों के लिए 6 लाख लोगों ने कराया रजिस्ट्रेशन
शनिवार को शुरू हुआ ये विरोध प्रदर्शन रविवार को भी जारी रहा. रविवार को प्रदर्शनकारियों ने 1400 से ज्यादा रैलियां निकाली. इस प्रोटेस्ट को हैंड्स-ऑन नाम दिया गया. बता दें कि इस रैली में शामिल होने के लिए 6 लाख लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. हैंड्स-ऑन का हिंदी में अनुवाद 'हमारे अधिकारों से दूर रहो.' होता है.
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