ईरान के न्यूक्लियर प्रोग्राम पर क्या बोल गए अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने रविवार को एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के पास मौजूद 400 किलोग्राम से अधिक समृद्ध यूरेनियम की स्थिति अभी भी अज्ञात है.

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने रविवार को एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के पास मौजूद 400 किलोग्राम से अधिक समृद्ध यूरेनियम की स्थिति अभी भी अज्ञात है.

author-image
Ravi Prashant
एडिट
New Update
jd vance

ईरान-इजरायल और अमेरिका Photograph: (X)

अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस ने रविवार को एबीसी न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के पास मौजूद 400 किलोग्राम से अधिक समृद्ध यूरेनियम की स्थिति अभी भी अज्ञात है. वेंस ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि ईरान के परमाणु स्थलों को "गंभीर रूप से नुकसान" पहुंचा है, लेकिन वह इस बारे में पूरी तरह से निश्चित नहीं है.

Advertisment

उप-राष्ट्रपति वेंस ने क्या कहा?

वेंस ने यह कमेंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हवाई हमले के आदेश के बाद दी. न्यूयॉर्क टाइम्स के अनुसार, 880 पाउंड समृद्ध यूरेनियम को 60 प्रतिशत शुद्धता तक निकाल लिया गया था, जो परमाणु हथियार बनाने के लिए आवश्यक 90 प्रतिशत से कम है. ईरान के इस्फहान में 60 प्रतिशत समृद्ध ईंधन संग्रहीत किया गया था.

क्या अब आगे बातचीत से निकलेगा हल? 

ईरान के 900 पाउंड उच्च शुद्धता वाले यूरेनियम की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर वेंस ने कहा कि ट्रंप प्रशासन अगले कुछ हफ्तों में इस ईंधन के साथ कार्रवाई करने की योजना बना रहा है और यह एक विषय होगा जिस पर वे ईरान के साथ बातचीत करेंगे. उन्होंने कहा कि मिशन का मुख्य उद्देश्य फोर्डो परमाणु संयंत्र को नष्ट करना था, जो एक पहाड़ के भीतर स्थित है.  वेंस ने बताया कि "फोर्डो परमाणु संयंत्र को नष्ट करना हमारा लक्ष्य था, और हमें पूरा विश्वास है कि हम इसे भारी हद तक विफल करने में सफल रहे हैं."

इजरायल ने पहले किया तीन साइट्स पर अटैक

इससे पहले, इज़राइल ने पिछले सप्ताह ईरान के तीन प्रमुख परमाणु संयंत्रों नतांज, इस्फहान और फोर्डो को निशाना बनाया था, जिसमें कई ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों की मौत हो गई. इन संयंत्रों की संरचना अत्यधिक सशक्त और भूमिगत है, और रिपोर्टों में बताया गया है कि कितनी हद तक नुकसान हुआ है, यह अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. नतांज और फोर्डो ईरान के यूरेनियम समृद्धि स्थल हैं, जबकि इस्फहान कच्चे सामग्री की आपूर्ति करता है. इन संयंत्रों को नुकसान पहुंचने से ईरान के परमाणु हथियारों के उत्पादन की क्षमता पर असर पड़ सकता है.

क्या अमेरिका का था सटीक टारगेट? 

रविवार को अमेरिका ने अपने सबसे बड़े पारंपरिक बमों का इस्तेमाल करते हुए ईरान के परमाणु संयंत्रों पर हमले किए, जिसमें फोर्डो यूरेनियम समृद्धि संयंत्र को नष्ट करने के लिए बंकर-बसटिंग हथियारों का इस्तेमाल किया गया. रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी हमलों ने फोर्डो के भूमिगत क्षेत्रों को काफी नुकसान पहुंचाया, हालांकि इस नुकसान की सटीक सीमा अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाई है. 

इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण सवाल यह भी है कि फोर्डो की भूमिगत समृद्धि हॉल के अलावा, इसके समृद्ध यूरेनियम के स्टॉक का क्या हुआ है?  ईरान ने हालांकि 13 जून को अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) को सूचित किया था कि वह अपने परमाणु सामग्री और उपकरणों की सुरक्षा के लिए विशेष कदम उठाएगा, जो परमाणु अप्रसार संधि (NPT) के तहत IAEA की निगरानी में हैं.

ये भी पढ़ें- ट्रंप का सीजफायर फॉर्मूला: इजराइल और ईरान के बीच युद्ध विराम की क्या हो सकती हैं शर्तें

Iran Israel News Iran Israel conflict iran israel crisis Iran Israel tensions Iran Israel Tension Iran Israel Ceasefire Iran nuclear deal iran nuclear bomb USA J.D. Vance
      
Advertisment