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राष्ट्रपति डोनाल्ट ट्रंप Photograph: (NN/ANI)
अमेरिकी सरकार बुधवार (1 अक्टूबर) को रात 12:01 बजे से बंद हो गई. यह सात साल में पहली बार है जब सरकार का कामकाज ठप हुआ है. वजह यह रही कि सीनेट में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट सांसद फंडिंग पर सहमति नहीं बना पाए. इससे लाखों सरकारी कर्मचारी अस्थायी रूप से छुट्टी पर भेजे जाएंगे और कई सेवाओं पर असर होगा. अर्थव्यवस्था से जुड़े अहम आंकड़े भी अब देर से जारी होंगे.
क्यों हुआ शटडाउन?
डेमोक्रेट्स चाहते थे कि स्वास्थ्य बीमा सब्सिडी बढ़ाई जाए और मेडिकेड में की गई कटौती वापस ली जाए. ये कटौतियां ट्रंप की “Big, Beautiful Bill” का हिस्सा थीं. इस बिल से अमीरों को टैक्स में राहत और रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की गई थी. रिपब्लिकन चाहते थे कि नवंबर तक मौजूदा स्तर पर फंडिंग जारी रहे, लेकिन डेमोक्रेट्स ने अपनी शर्तें जोड़ दीं. इसी टकराव के चलते सरकार बंद करनी पड़ी.
असर क्या होगा?
करीब 7.5 लाख सरकारी कर्मचारी प्रभावित होंगे. सरकार को रोजाना लगभग 400 मिलियन डॉलर का अतिरिक्त खर्च करना होगा. ज़रूरी सेवाएं जैसे सेना, पुलिस और राष्ट्रपति कार्यालय काम करते रहेंगे. साथ ही Medicare, Medicaid और Social Security जैसी योजनाएं चलती रहेंगी. नए लाभार्थियों का नामांकन मुश्किल होगा. हवाई यात्रा और पर्यटन सेवाएं प्रभावित होंगी.
11 अरब डॉलर का हुआ था नुकसान
अर्थव्यवस्था पर पिछला (2018-19) शटडाउन 11 अरब डॉलर का नुकसान कर गया था. इस बार भी असर लंबाई पर निर्भर करेगा. सितंबर की जॉब रिपोर्ट और अन्य आर्थिक आंकड़े फिलहाल जारी नहीं होंगे.
यह शटडाउन क्यों अलग है?
ट्रंप सरकार ने एक नया विभाग “Department of Government Efficiency” बनाया है. इसका मकसद सरकारी खर्च घटाना है. विभाग ने सुझाव दिया है कि कर्मचारियों को सिर्फ छुट्टी पर न भेजा जाए, बल्कि स्थायी छंटनी भी की जा सकती है. OMB ने कहा है कि जिन योजनाओं को अनिवार्य फंडिंग नहीं मिली है, वे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगी.
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