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यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने हाल ही में एक अहम बयान दिया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि वर अपने राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे देंगे. हालांकि इसके लिए उन्होंने एक खास शर्त रखी है. उन्होंने कहा है कि रूस के साथ चल रहे युद्ध के समाप्त होने के बाद वह राष्ट्रपति पद छोड़ने को तैयार हैं. 'Axios' को दिए इंटरव्यू में जेलेंस्की ने कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य यूक्रेन में युद्ध को खत्म करना है, न कि सत्ता में बने रहना. उन्होंने साफ किया कि जैसे ही युद्ध समाप्त होता है, वह संसद से नए चुनाव कराने का अनुरोध करेंगे और सत्ता से हट जाएंगे.
पहले भी दे चुके हैं ऐसा बयान
हालांकि यह पहली बार नहीं है जब जेलेंस्की ने राष्ट्रपति पद छोड़ने की बात कही है. इससे पहले फरवरी 2024 में भी उन्होंने ऐसा ही संकेत दिया था. तब उन्होंने कहा था कि यदि उनके पद छोड़ने से यूक्रेन में शांति आ सकती है और देश को नाटो की सदस्यता मिल सकती है, तो वह इसके लिए तैयार हैं. उस समय कीव में आयोजित एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान जेलेंस्की ने इस भावना को दोहराया था कि वह सत्ता के मोह में नहीं हैं, बल्कि देश की सुरक्षा और स्थिरता उनके लिए सर्वोपरि है.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में कड़ा रुख
संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) में भी जेलेंस्की ने रूस के खिलाफ सख्त रुख अपनाया. उन्होंने विश्व नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान में दुनिया ‘मानव इतिहास की सबसे विनाशकारी शस्त्र दौड़’ से गुजर रही है. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं की नाकामी पर सवाल उठाए और कहा कि यूक्रेन, गाजा और सूडान जैसे संघर्षों को रोकने में संयुक्त राष्ट्र जैसी संस्थाएं विफल रही हैं.
पुतिन पर गंभीर आरोप
जेलेंस्की ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनका उद्देश्य केवल यूक्रेन तक सीमित नहीं है, बल्कि वे पूरे यूरोप में युद्ध का विस्तार करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में केवल हथियार और सच्चे सहयोगी ही सुरक्षा की गारंटी बन सकते हैं.
वोलोदिमीर जेलेंस्की का यह बयान न केवल उनके नेतृत्व की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि वह सत्ता नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा और शांति को प्राथमिकता देते हैं.
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