ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच हुआ ऐतिहासिक समझौता, इस द्वीप समूह को लेकर दोनों देशों के बीच बनी सहमति

Chagos Island Deals: ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच चागोस द्वीप समूह को लेकर गुरुवार को डील पक्की हो गई. दो साल तक चली बातचीत के बाद आखिरकार 3 अक्टूबर को ब्रिटेन ने चागोस द्वीप को मॉरीशस को देने के लिए राजी हो गया.

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Suhel Khan
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Chagos Island Deals

चागोस द्वीप समूह (Social Media)

Chagos Island Deals: (रिपोर्ट- मधुरेंद्र) इंडियन ओसियन के लिए गुरुवार का दिन एक ऐतिहासिक दिन रहा. दरअसल, 3 अक्टूबर 2024 को ब्रिटेन और मॉरीशस के प्रधानमंत्रियों ने एक संयुक्त बयान के जरिए बड़ा ऐलान किया. इस ऐलान के मुताबिक, चागोस द्वीपसमूह पर संप्रभुता को लेकर दोनों देशों के बीच एक ऐतिहासिक राजनीतिक समझौता हुआ. बता दें कि यह समझौता दो साल की बातचीत के बाद हुआ. इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर माना जा रहा है. 

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बता दें कि यह समझौता अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तहत शांतिपूर्ण समाधान और कानून के शासन की गहरी प्रतिबद्धता का प्रतीक है. ब्रिटेन और मॉरीशस ने सम्मानजनक और रचनात्मक तरीके से बातचीत की, जिसके तहत चागोस द्वीपसमूह से जुड़े सभी लंबित मुद्दों को हल करने पर सहमति बनी है, जिनमें द्वीपसमूह के पूर्व निवासियों के अधिकार भी शामिल हैं.

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डिएगो गार्सिया पर ब्रिटेन का अधिकार 99 साल तक रहेगा

इस समझौते के तहत, ब्रिटेन ने चागोस द्वीपसमूह, जिसमें डिएगो गार्सिया भी शामिल है, पर मॉरीशस की संप्रभुता को मान्यता दे दी है. हालांकि, डिएगो गार्सिया पर स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डे के प्रभावी और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने के लिए ब्रिटेन को अगले 99 साल तक इस द्वीप पर अधिकार रहेगा. यह अड्डा क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

चागोसियन लोगों के पुनर्वास का रास्ता साफ

इस समझौते के साथ ही मॉरीशस अब चागोस द्वीपसमूह के अन्य द्वीपों में चागोसियन लोगों के पुनर्वास कार्यक्रम को स्वतंत्र रूप से लागू कर सकेगा. ब्रिटेन ने इस पुनर्वास के लिए एक नया ट्रस्ट फंड स्थापित करने का भी वादा किया है, साथ ही अन्य आर्थिक और सामाजिक सहायता भी प्रदान करेगा, जिससे चागोसियन समुदाय की भलाई सुनिश्चित हो सकेगी.

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आर्थिक, सुरक्षा और पर्यावरणीय साझेदारी का नया अध्याय

समझौते से ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच आर्थिक, सुरक्षा और पर्यावरणीय साझेदारी के नए युग की शुरुआत होगी. ब्रिटेन इस साझेदारी के तहत मॉरीशस को वित्तीय सहायता के रूप में पैकेज प्रदान करेगा, जिसमें एक वार्षिक भुगतान शामिल होगा. इसके साथ ही, यूके मॉरीशस में प्रमुख रणनीतिक परियोजनाओं को समर्थन देने के लिए एक परिवर्तनकारी बुनियादी ढांचा साझेदारी भी स्थापित करेगा, जो मॉरीशस के आम नागरिकों के जीवन में सार्थक परिवर्तन लाएगी और देश के आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी.

दोनों देश समुद्री सुरक्षा, पर्यावरण संरक्षण, अवैध मछली पकड़ने, अवैध आप्रवासन, और मादक पदार्थों व मानव तस्करी के खिलाफ भी सहयोग करेंगे. यह सहयोग चागोस द्वीपसमूह में दुनिया के सबसे महत्वपूर्ण समुद्री वातावरणों में से एक को सुरक्षित और संरक्षित करने के साझा उद्देश्य के साथ होगा. इस क्षेत्र में एक मारीशियाई समुद्री संरक्षित क्षेत्र भी स्थापित किया जाएगा.

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समर्थन में भारत और अमेरिका की अहम भूमिका

इस समझौते के दौरान, अमेरिका और भारत ने भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. दोनों देशों ने ब्रिटेन और मॉरीशस के बीच समझौते को समर्थन और सहायता प्रदान की. यह समझौता दोनों देशों के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवाद को समाप्त करता है और उनके साझा इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है, जो आपसी सम्मान और भरोसे पर आधारित है. इस राजनीतिक समझौते के तहत, हिंद महासागर क्षेत्र की सुरक्षा और समृद्धि के प्रति प्रतिबद्धता जताई गई है, जो कि मॉरीशस और ब्रिटेन के बीच संबंधों को और मजबूती प्रदान करेगा.

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