Russia-Ukraine War: रूस का यूक्रेन के साथी देशों को तगड़ा झटका, कब्जाए 800 हवाई जहाज, कंपनियों के उड़े होश!

Russia-Ukraine War: रूस ने यूक्रेन के साथी देशों के 800 हवाई जहाजों पर कब्जा कर लिया है. आइए जानते हैं कि रूस का ये कदम यूक्रेन के साथी देशों की गले की फांस कैसे बना हुआ है.

author-image
Ajay Bhartia
New Update
Russia-Ukraine War

Russia-Ukraine War (Image: Social Media)

Russia-Ukraine War: रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. भले ही यूक्रेन सैन्य ताकत में रूस से कमजोर है, लेकिन फिर भी ढाई साल से अधिक समय से युद्ध में बना हुआ है. इसकी बड़ी वजह है कि पश्चिमी देश उसके साथ खड़े हुए हैं और उसे जरूर मदद और हथियार पहुंचा रहे हैं. इतना ही इन पश्चिमी देशों ने यूक्रेन पर हमले को लेकर रूस पर कई तरह के प्रतिबंध भी लगा दिए. जवाब में, रूस ने भी यूक्रेन को तगड़ा झटका दिया. उसने पश्चिमी देशों की कई एयरलाइंस कंपनियों के उन विमानों पर कब्जा कर लिया, जो उस युद्ध शुरू होने के समय रूस में ही खड़े थे. इन विमानों की कीमत अरबों डॉलर बताई जा रही है, यही वजह है कि इन विमानों को लीज पर देने वाली कंपनियों के होश उड़े हुए हैं.

Advertisment

ये भी पढ़ें: आखिर Pakistan में क्या कर रहा है भारत का भगौड़ा Zakir Naik, दोनों देशों के बीच बढ़ेगा तनाव?

क्या है पूरा मामला?

रिपोर्ट के अनुसार, रूस ने लगभग 800 विदेशी विमानों को अपने खुद के विमान रजिस्टर में ट्रांसफर कर दिया. उसने ऐसा तब किया, जब इन विमानों की लीज की अवधि समाप्त हो गई थी. अब इन विमानों को लीज पर देने वाली कंपनियों ने अपने हवाई जहाजों को लेकर बीमा कंपनियों में इंश्योरेंस क्लेम फाइल किया. चूंकि क्लेम की रकम अरबों डॉलर में बनती है, इसलिए इंश्योरेंस कंपनियां टाल-मटोल कर रही हैं. रकम का काफी ज्यादा होना इसके पीछे की वजह बताई जा रही है. 

ये भी पढ़ें: UP News: दबंगों ने युवक को जमकर पीटा, फिर मुंह पर किया पेशाब, हैवानियत से भरा वीडियो वायरल!

दुनिया की टॉप विमान लीज पर देने वाली कंपनियों में से एक AerCap Holdings NV सहित कई कंपनियों ने AIG और Lloyd’s जैसी बीमा कंपनियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है. शुरुआत में AerCap ने  $3.4 बिलियन (लगभग ₹28,200 करोड़) का क्लेम फाइल किया था. हालांकि बाद में कंपनी इस क्लेम अमाउंट को घटाकर $2 बिलियन (लगभग ₹16,600 करोड़) कर दिया. इसी तरह से अन्य कंपनियों ने करोड़ों डॉलर (हजारों करोड़ रुपये) के क्लेम फाइल किए हैं. 

ये भी पढ़ें: Iran पर बड़े हमले की तैयारी में Israel, तेल रिफाइनरियों को बना सकता है निशाना, भारत पर क्या पड़ेगा असर?

बीमा कंपनियों का क्या है कहना?

हालांकि, बीमा कंपनियों ने विमानों को लीज पर देने वाले कंपनियों की मांग से हाथ पीछे खींच लिए हैं. उनका कहना है कि पॉलिसी में कुछ विशेष अपवाद और शर्तें लागू होती हैं, जिसके कारण यह कवरेज संभव नहीं है. साथ ही बीमा कंपनियों का कहना है कि विमान खोए नहीं हुए हैं, क्योंकि रूसी एयरलाइंस उनका इस्तेमाल कर रही है. यह बात पॉलिसी में मौजूद स्पेशल कंडीशन कवरेज को नकारती हैं.

पूरा मामला बुरी तरह से कानूनी पचड़े में फंस हुआ है, वहीं विमानों को लीज पर देने वाली कंपनियां क्लेम मिलने की आस में मारी-मारी फिर रही हैं. बताया जा रहा है कि AerCap के 141 विमानों और 29 इंडिपेंडेंट विमान इंजनों में से 116 विमान और 15 इंजन अभी भी रूस में हैं, और उन्हें Aeroflot सहित 15 एयरलाइंस द्वारा उपयोग किया जा रहा है, जो रूस की सबसे बड़ी एयरलाइन है. ऐसे में कहा जा सकता है कि पुतिन की ये चाल यूक्रेन के साथी देशों के गले की फांस बन गई है.  

ये भी पढ़ें: Israel-Iran war: आयरन डोम, डेविड स्लिंग और एरो क्या हैं, जिनसे Israel ने ईरानी घातक मिसाइलों का किया मुकाबला?

russia ukraine war russia World News Russia Ukraine latest News Vladimir Putin russia ukraine latest news in hindi russiarussia ukraine news Russia Ukraine Crisis russia ukraine conflict russia ukraine America Volodymyr Zelenskyy Russia Ukraine Issue russia ukraine latest Russia Ukraine dispute Latest World News ukraine
      
Advertisment