एर्दोगन ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की पकड़ी मिडिल फिंगर, सोशल मीडिया पर सामने आया VIDEO; मजे ले रहे हैं लोग

तुर्किए के राष्ट्रपति एर्दोगन ने फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों की मिडिल फिंगर पकड़ ली. इस वजह से मैक्रों थोड़ा असहज हो गए हैं. लोग अब एर्दोगन के मजे ले रहे हैं.

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Jalaj Kumar Mishra
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Turkish President Recep Tayyip Erdogan holds Macron Mid Finger

Recep Tayyip Erdogan

तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन इन दिनों सुर्खियों में बने हुए हैं. अजीबों-गरीब हरकतों और बयानों के कारण उनकी जग हंसाई हो रही है. इस बीच, एर्दोगन ने एक समिट में फ्रांस के राष्ट्रपति की मिडिल फिंगर पकड़ ली और बहुत देर तक उसे पकड़कर बैठे रहे. लोग इस पर हंस रहे हैं और कह रहे हैं कि क्या कर रहे हो. खुद फ्रांस के राष्ट्रपति भी मैक्रों की इस हरकत से चौंका गए.

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सोशल मीडिया पर इसका वीडियो वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को लेकर लोगों ने हैरानी जताई है. उन्होंने कहा कि क्या एर्दोगन अपनी ताकत दिखाना चाह रहे हैं. वायरल हो रहे वीडियो में दिख रहा है कि पहले एर्दोगन ने मैक्रों का हाथ पकड़कर उन्हें थपथपाया फिर जब मैंक्रो ने दूसरा हाथ बढ़ाया तो एर्दोगन उनसे कुछ बोलते हैं और उनकी बीच वाली उंगली पकड़ लेते हैं. बीच वाली उंगली को मिडिल फिंगर कहा जाता है.  

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अनकंफर्टेबल हो गए थे एर्दोगन

एर्दोगन 13 सेकेंड्स के लिए मेक्रों की उंगली पकड़कर बैठ जाते हैं. मैंक्रों इस वजह से बहुत अनकंफर्टेबल हो गए थे. वे एर्दोगन से बात करते हुए अपनी उंगली छुड़ाने की कोशिश करते हैं. चूंकि वीडयो वायरल हो गया है कि इसलिए लोग एर्दोगन को लेकर अलग-अलग कॉमेंट कर रहे हैं.

तुर्किश मीडिया ने बताई वजह

तुर्किश मीडिया ने इस घटना पर कहा कि एर्दोगन ने ऐसा इसलिए किया कि मैक्रों एर्दोगन के कंधे पर हाथ रखकर मनौवैज्ञानिक रूप से अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे थे. लेकिन एर्दोगन मैक्रों से एक कदम आगे थे इसलिए उन्होंने न तो मैक्रों को ऐसा करने की इजाजत दी और उन्होंने मैक्रों की उंगली भी पकड़ ली और उन्हें जाने नहीं दिया. 

यूरोप के 47 देशों के नेता कार्यक्रम में हुए थे शामिल

बता दें, यूरोपीय देश अल्बानिया में ईपीसी शिखर सम्मेलन का आयोजन हो रहा है. इस आयोजन में शामिल होने के लिए 47 देशों के नेता आए थे. ये समिट खास यूरोपीय देशों के लिए था. समिट का उद्देश्य लोकल सुरक्षा संबंधों को बढ़ाना और यूरोप में राजनीतिक स्थिरता को मजबूत करना था. खास बात है कि अल्बानिया में इस बार कई ऐसी घटनाएं हुईं, जिसे लोग लंबे वक्त तक याद रखेंगे.

 

Macron Recep Tayyip Erdogan
      
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