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donald trump Photograph: (Social Media)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर भारीभरकम टैरिफ लगाया है. अब इसका विरोध उनके देश में ही होने लगा है. अब मामला कोर्ट में पहुंच चुका है. इस बीच ट्रंप ने चेताया है कि भारत समेत कई देशों पर लगाए टैरिफ को हटाने से अमेरिका को व्यापारिक प्रतिशोध झेलना पड़ेगा. इससे विदेशों में शांति स्थापित करने के प्रयास कमजोर पड़ेंगे. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने कोर्ट में दायर दस्तावेजों में चेताया है कि भारत समेत कई देशों पर लगाए टैरिफ को हटाने पर अमेरिका को व्यापारिक प्रतिशोध झेलना पड़ेगा. इसका विदेशों में शांति स्थापित करने का प्रयास कमजोर पड़ेगा.
टैरिफ को आर्थिक तबाही से बचने वाला बताया गया
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपील में अमेरिकी सॉलिसिटर जनरल जॉन सॉयर ने न्यायाधीशों से इन ड्यूटीज को बरकरार रखने की अपील की. इन्हें निचली कोर्ट ने अवैध ठहराया. अपील में कहा गया है कि इस मामले में दांव पर लगी चीजें काफी बड़ी हैं. दस्तावेज में टैरिफ को यूक्रेन में शांति के प्रयास को लेकर काफी अहम माना गया है. इससे आर्थिक तबाही से बचने वाला बताया गया.
ट्रंप प्रशासन ने कहा कि हमने हाल ही में रूस-यूक्रेन युद्ध को खत्म करने और जारी राष्ट्रीय आपातकाल से निपटने को लेकर भारत पर टैरिफ लगाए हैं. भारत रूस से तेल खरीद रहा है. टैरिफ को हटाने से अमेरिका को आर्थिक तबाही झेलनी पड़ सकती है. आपको बता दें कि अमेरिका ने भारत पर पहले 25% टैरिफ लगाया. उसका तर्क था कि व्यापार घाटा बढ़ रहा है. इसके बाद रूस से से तेल खरीदने का बहाना बनाकर 25 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाया. कुल 50 प्रतिशत आयात शुल्क भारत पर लगाया. इसके बाद से अमेरिका में ही उनके खिलाफ आवाजें उठनी शुरू हो गईं.
इससे शांति स्थापित होगी
ट्रंप प्रशासन की यह अपील उस फैसले के खिलाफ है, जिसमें अमेरिकी फेडरल सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स ने कहा कि ट्रंप इमरजेंसी आर्थिक शक्तियों का उपयोग करके व्यापक टैरिफ लगाकर अपने अधिकार-सीमा से आगे बढ़ गए. प्रशासन का तर्क है कि इससे शांति स्थापित होगी.
ट्रंप प्रशासन का तर्क
सरकार की दलील है कि टैरिफ से अमेरिका एक अमीर देश है. बिना टैरिफ अमेरिका गरीब देश है.' इसमें कहा गया कि अगर ये शुल्क हटा लिया गया तो अमेरिका का रक्षा-औद्योगिक ढांचा कमजोर पड़ेगा. वार्षिक 1.2 ट्रिलियन डॉलर के व्यापार घाटे पर असर पड़ेगा.
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