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Trump-Putin Meets (NN)
Trump-Putin Meets: डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका से अलास्का के लिए रवाना हो गए हैं. अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात होने वाली है. भारतीय समयानुसार रात 1 बजे दोनों नेताओं में मुलाकात होगी. दोनों नेताओं की मुलाकात पर दुनिया की नजर रहने वाली है. अब लोगों के मन में सवाल है कि एक छोटे से कार्यक्रम के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था होती है तो इस मीटिंग की सुरक्षा व्यवस्था कैसी रहेगी. आइये जानते हैं, इसी सवाल का जवाब…
Trump-Putin Meets: 300 किलोमीटर के दायरे में नो फ्लाईजोन
अलास्का के एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन सैन्य बेस पर दोनों नेताओं की मुलाकात होगी. बेस को अमेरिकी सेना ने छावनी बना दिया है. बेस पर 32 हजार अमेरिकी सैनिक तैनात हैं. सैटेलाइ्टस और साइबर सुरक्षा के पुख्ते इतंजाम किए गए हैं. रूस ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं. बेस के 300 किलोमीटर के दायरे में नो फ्लाई जोन लागू किया गया है. सैन्य पुलिस, स्पेशल फोर्सेज, नेशनल गार्ड और सीक्रेट सर्विस की काउंटर-असॉल्ट टीमों ने दोहरी सुरक्षा घेरा बनाया हुआ है.
Trump-Putin Meets: पानी की बोतलें भी पुतिन की टीम ने सील की
ट्रंप का एअर फोर्स वन विमान सुरक्षा निगरानी में मुस्तौद है. वहीं, पुतिन की सुरक्षा के लिए एफएसओ यूनिट तैनात है. पुतिन की बख्तरबंद लिमोजिन कार पहले ही बेस पर पहुंच चुकी है. यहां तक की पानी की बोतलें और कप भी पुतिन की टीम ने ही सील किए हैं. हेलीकॉप्टर बैकअप रूट और आइस रनवे बर्फीली आंधी की आशंका को देखते हुए तैयार किए गए हैं. भालुओं के खतरे को भांपते हुए पैदल गश्ती दस्ते भी तैनात हैं.
Trump-Putin Meets: पहले भी ऐतिहासिक मीटिंग का हिस्सा रह चुका है अलास्का
एलमेंडॉर्फ-रिचर्डसन बेस पहली बार वैश्विक सियासत का साक्षी बना है. अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन और जापान के राजा हिरोहितो की मुलाकात भी 1971 में हुई थी. ये वह मौका था, जब किसी जापानी राजा ने पहली बार विदेशी धरती पर कदम रखा था. आज, 54 साल बाद इस बेस पर फिर से इतिहास रचने वाला है.