Sydney Terrorist Attack: खुफिया एजेंसियों की चूक या पुलिस की सुस्ती; ऑस्ट्रेलिया कैसे हो गया फेल ?

Sydney Terrorist Attack: बॉन्डी बीच आतंकी हमले ने ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियों और पुलिस व्यवस्था की बड़ी चूक उजागर की, साथ ही देश में बढ़ते यहूदी विरोध पर गंभीर बहस छेड़ दी है.

Sydney Terrorist Attack: बॉन्डी बीच आतंकी हमले ने ऑस्ट्रेलिया की खुफिया एजेंसियों और पुलिस व्यवस्था की बड़ी चूक उजागर की, साथ ही देश में बढ़ते यहूदी विरोध पर गंभीर बहस छेड़ दी है.

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Yashodhan Sharma
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Sydney terrorist attack

Sydney Terrorist Attack: ऑस्ट्रेलिया के सिडनी स्थित बॉन्डी बीच पर हुए भीषण गोलीकांड ने देश की खुफिया व्यवस्था और पुलिस तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. यह हमला 14 दिसंबर को यहूदी समुदाय के हनुक्का उत्सव के दौरान हुआ, जिसमें कम से कम 15 लोगों की मौत हो गई और 40 से ज्यादा लोग घायल हुए. यह ऑस्ट्रेलिया का पिछले 30 सालों का सबसे घातक सामूहिक गोलीकांड बताया जा रहा है.

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क्यों खड़े हो रहे खूफिया तंत्र पर सवाल

इस हमले में पिता-पुत्र की भूमिका सामने आई है. 50 वर्षीय साजिद अकरम पुलिस मुठभेड़ में मारा गया, जबकि उसका 24 वर्षीय बेटा नवेद अकरम अस्पताल में भर्ती है और पुलिस निगरानी में है. हैरानी की बात यह है कि नवेद अकरम साल 2019 में ऑस्ट्रेलियाई खुफिया एजेंसी ASIO की जांच के दायरे में था. उस पर इस्लामिक स्टेट (IS) से जुड़े लोगों के संपर्क का शक था और करीब छह महीने तक निगरानी भी हुई. हालांकि, बाद में उसे “कोई खतरा नहीं” बताकर क्लीन चिट दे दी गई.

क्या कहती है जांच रिपोर्ट

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने इस हमले को 'आतंकवाद और यहूदी विरोध से प्रेरित' करार दिया है. जांच में आरोपियों की कार से IS के झंडे भी मिले हैं, जिससे खुफिया एजेंसियों की पुरानी रिपोर्ट पर सवाल उठ रहे हैं. वहीं, साजिद अकरम के पास पिछले 10 साल से वैध हथियार लाइसेंस था और उसने छह हथियार रखे हुए थे, जिस पर भी बहस तेज हो गई है.

पुलिस की कार्रवाई भी सवालों के घेरे में

हमले के दौरान पुलिस की कार्रवाई पर भी उंगलियां उठ रही हैं. चश्मदीदों का कहना है कि हमलावर करीब 20 मिनट तक फायरिंग करते रहे, लेकिन पुलिस देर से पहुंची और शुरू में जवाबी कार्रवाई नहीं हुई. लोगों का आरोप है कि पुलिस पूरी तरह तैयार नहीं थी.

यहूदी समुदाय सरकार से मांग रहा जवाब

इस घटना ने ऑस्ट्रेलिया में बढ़ रहे यहूदी विरोधी मामलों को भी उजागर किया है. इजराइल-गाजा युद्ध के बाद से सिडनी और मेलबर्न में यहूदी समुदाय को लगातार धमकियां, आगजनी और तोड़फोड़ का सामना करना पड़ रहा है. अब यहूदी समुदाय सरकार से जवाबदेही और सुरक्षा व्यवस्था मजबूत करने की मांग कर रहा है.

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