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sheikh hasina banned
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने यह साफ कर दिया है कि शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को फरवरी में होने वाले चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं मिलेगी. ढाका में बुधवार को मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने इसकी सूचना दी. उन्होंने कहा कि अवामी लीग को लेकर सरकार की स्थिति पूरी तरह से साफ है. पार्टी पर लगी रोक बरकरार रहने वाली है. यह बयान ऐसे वक्त पर सामने आया है, जब एक दिन पहले ही अमेरिका के कई सांसदों ने बांग्लादेश में निष्पक्ष चुनाव कराने की अपील की. 1971 के बाद ऐसा पहली बार है जब आवामी अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर रखा गया है.
इस वर्ष मई में अवामी ली पर रोक लगाई थी
आपको बता दें कि मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस वर्ष मई में अवामी ली पर रोक लगाई थी. इससे पहले, पिछले वर्ष अक्टूबर में आवामी लीग के प्रभावशाली छात्र संगठन 'छत्र लीग' पर भी रोक लगाया गया था. इसके साथ 17 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने शेख हसीना और पूर्व गृह मंत्री असदुज्जामान खान कमाल को मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद अब ऐसा माना जा रहा है कि शेख हसीना का चैप्टर बांग्लादेश में हमेशा के लिए बंद हो चुका है.
अमेरिका में सवाल उठ रहे
शेख हसीना की अवामी लीग को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करने को लेकर अमेरिका में सवाल उठ रहे हैं. अमेरिका के पांच सांसदों, ग्रेगरी मीक्स, बिल हुइजेंगा, सिडनी कामलागर-डोव और जूली जॉनसन ने इसके खिलाफ आवाज उठाई है. उन्होंने 23 दिसंबर को मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को पत्र लिखकर अवामी लीग को चुनाव से बाहर रखने पर चिंता जताई थी. सांसदों ने चेताया कि किसी प्रमुख राजनीतिक दल को चुनावी प्रक्रिया से बाहर करना लोकतांत्रिक विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाता है. हालांकि, इस पत्र पर प्रतिक्रिया देते हुए शफीकुल आलम ने कहा कि उन्होंने अभी तक यह पत्र नहीं देखा है. उन्हें इसकी जानकारी नहीं है.
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