जापान में इनफ्लुएंजा वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों ने दहशत फैला दी है. सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित करते हुए स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं.
पांच साल पहले पूरी दुनिया ने कोरोना महामारी का खौफ देखा था. अब जापान में एक नया खतरा तेजी से बढ़ रहा है. यह वायरस कोरोना नहीं, बल्कि इनफ्लुएंजा वायरस है, जिसने देश में हड़कंप मचा दिया है. जापान में इस वायरस के मामलों में अचानक तेजी आई है, जिसके बाद सरकार ने हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर दी है. स्कूलों और कॉलेजों को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
तेजी से फैल रहा है इनफ्लुएंजा वायरस
इनफ्लुएंजा वायरस आमतौर पर सीजनल फ्लू की तरह फैलता है, लेकिन इस बार इसकी रफ्तार काफी तेज है. अस्पतालों में मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ रही है. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस हवा के माध्यम से फैलता है- जैसे खांसने, छींकने या किसी संक्रमित वस्तु को छूने से. इसकी प्रवृत्ति कुछ हद तक कोरोना वायरस जैसी लग रही है, क्योंकि यह भी तेजी से म्यूटेशन कर रहा है और परिस्थितियों के अनुकूल ढल रहा है.
सरकार और विशेषज्ञों की चेतावनी
जापान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे महामारी घोषित कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह वायरस बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक है. इसके संक्रमण से बुखार, खांसी, गले में दर्द, थकान और सांस लेने में तकलीफ जैसे लक्षण हो सकते हैं.
विशेषज्ञों ने यह भी बताया है कि वायरस के लगातार बदलते रूप के कारण पारंपरिक वैक्सीन कम असरदार हो सकती है. इसलिए लोगों को मास्क पहनने, हाथ धोने, भीड़भाड़ से बचने और फ्लू वैक्सीन लगवाने की सलाह दी गई है.
पर्यटन से फैलने का खतरा और कड़े कदम
रिपोर्ट्स के अनुसार, जापान में पर्यटन सीजन होने के कारण वायरस के एक शहर से दूसरे शहर और फिर अन्य देशों में फैलने का खतरा बढ़ गया है. इस वजह से सरकार ने सीमाओं पर निगरानी और यात्रियों की स्क्रीनिंग बढ़ा दी है. फिलहाल, जापान की सरकार स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है कि यह वायरस कोरोना जैसी वैश्विक महामारी में न बदले. जनता से अपील की गई है कि वे सावधानी बरतें और किसी भी लक्षण पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
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