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Sam pitroda and Rahul Gandhi Photograph: (Social)
Sam Pitroda News: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा के बयान ने नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है. राहुल गांधी के करीबी माने जाने वाले पित्रोदा ने कहा कि उन्हें पाकिस्तान जाकर घर जैसा महसूस हुआ. इसके साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार को सलाह दी कि भारत की विदेश नीति का पहला फोकस पड़ोसी देशों पर होना चाहिए.
पित्रोदा ने कहा, 'मेरे अनुसार हमारी विदेश नीति को सबसे पहले अपने पड़ोस पर केंद्रित होना चाहिए. क्या हम अपने पड़ोसियों के साथ रिश्तों में सुधार कर सकते हैं? मैं पाकिस्तान गया हूं और वहां मुझे घर जैसा लगा. बांग्लादेश और नेपाल जाने पर भी मुझे ऐसा ही अनुभव हुआ. मुझे कभी नहीं लगा कि मैं किसी विदेशी देश में हूं.'
भाजपा का पलटवार
पित्रोदा के इस बयान ने भाजपा को कांग्रेस पर हमला करने का मौका दे दिया है. भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने तीखी प्रतिक्रिया दी और कहा, 'राहुल गांधी के खास और कांग्रेस के विदेश प्रमुख सैम पित्रोदा कहते हैं कि उन्हें पाकिस्तान में घर जैसा महसूस हुआ. कोई आश्चर्य नहीं कि यूपीए सरकार ने 26/11 हमले के बाद भी पाकिस्तान के खिलाफ कोई सख्त कदम नहीं उठाया. पाकिस्तान का चहेता, कांग्रेस का चुना हुआ.'
भाजपा नेताओं का मानना है कि पित्रोदा का यह बयान बिहार चुनाव में कांग्रेस के खिलाफ हथियार साबित हो सकता है. भाजपा पहले भी कांग्रेस नेताओं के बयानों को चुनावी मुद्दा बनाती रही है और इस बार भी ऐसा करने के संकेत साफ दिखाई दे रहे हैं.
गांधी परिवार के करीबी
सैम पित्रोदा लंबे समय से गांधी परिवार के भरोसेमंद सलाहकार रहे हैं. 1980 के दशक में वह राजीव गांधी के करीबी टेक्नोक्रेट के रूप में उभरे थे. राहुल गांधी भी विदेश और आर्थिक मामलों में अक्सर उनकी राय लेते रहे हैं. यही कारण है कि पित्रोदा के हर बयान पर भाजपा कांग्रेस और गांधी परिवार को सीधे घेरती है.
चीन पर भी दिया था विवादित बयान
यह पहली बार नहीं है जब सैम पित्रोदा ने अपने बयान से विवाद खड़ा किया हो. इसी साल फरवरी में उन्होंने चीन पर टिप्पणी करते हुए कहा था कि भारत चीन से खतरे को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है. उनका कहना था कि भारत को बीजिंग को दुश्मन मानना बंद करना चाहिए और सहयोग की राह अपनानी चाहिए. पित्रोदा ने यह भी कहा था कि अमेरिका की तरह भारत को दुश्मन की परिभाषा तय करने की आदत छोड़नी चाहिए.
चुनावी सियासत में नया मुद्दा
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिहार चुनाव के ठीक पहले आया यह बयान कांग्रेस के लिए सिरदर्द बन सकता है. भाजपा इसे राष्ट्रवाद के मुद्दे से जोड़कर जनता के बीच ले जाने की कोशिश करेगी. वहीं, कांग्रेस के लिए यह समझाना मुश्किल होगा कि पित्रोदा की यह निजी राय है या पार्टी की सोच.
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