कुवैत के न्योते पर पीएम मोदी दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. 1981 में इंदिरा गांधी के बाद किसी भारतीय पीएम का कुवैत दौरा था. 43 साल बाद भारतीय पीएम यहां पर पहुंचे. कुवैत की अर्थव्यवस्था में भारतीयों का योगदान काफी रहा है. यहां नाई से लेकर डॉक्टर तक की भूमिका काफी अहम रही है. हर साल बड़ी संख्या में भारतीय कुवैत जाकर हॉस्पिटल से लेकर तेल के कुओं और फैक्ट्री में नौकरी करते हैं. कुवैत के इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में काफी सारे भारतीय हैं. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, कुवैत में भारतीय दूतावास के अनुसार, कुवैत में करीब 10 लाख भारतीय मौजूद हैं. यह आंकड़ा कुवैत की कुल आबादी का 21 फीसदी बताया गया है. यहां पर कुल कामगारों में 30 प्रतिशत भारतीय हैं. कुवैत में रहने वाले भारतीयों में अधिकतर दक्षिण भारत से ताल्लुक रखते हैं.
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भारत इन राज्यों से कुवैत पहुंच गए लोग
साल 2012 में भारत और कुवैत के बीच हेल्थ सेक्टर को लेकर बड़ा समझौता हुआ. इसमें हेल्थ सर्विसेस को लेकर एक संयुक्त कार्य दल बनाया गया. 12 सालों में इसे लेकर कई बैठकें हुई हैं. कुवैत में भारतीय दूतावास का मानना है कि यहां पर रहने वाले भारतीयों में सबसे अधिक कर्नाटक, केरल, आंधप्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु के निवासी है. इनमें से अधिकतर लोग कुवैत के हेल्थ सेक्टर में काम कर रहे हैं. ये डॉक्टर या नर्स के तौर पर कार्यरत हैं.
कुवैत में भारतीय को वेतन
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत से जाने वाले अनस्किल्ड वकर्स को कुवैत में 100 कुवैती दीनार लगभग 27,262 रुपये तक का मासिक सैलरी मिल जाती है. यह मजदूर, हेल्पर और क्लीनर वर्ग में होते हैं. सेमी स्किल्ड वर्कर्स कुवैत में डिलीवरी बॉय, नाई, सुरक्षा गार्ड के क्षेत्र में काम करते हैं. इन्हें 170 दीनार यानि 46560 रुपये का वेतन मिलता है. वहीं अच्छे स्किल्ड भारतीय को मासिक सैलरी 120 से 200 केडी यानि 60 हजार रुपये तक का वेतन प्राप्त हो जाता है.