बलूचिस्तान प्रांत से गायब हो रहे हैं लोग, न्याय की तलाश में भटक रहे हैं बलूच

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रोजाना लोग गायब हो रहे हैं. बलूच लोगों का आरोप है कि यह सीधे तौर पर पाकिस्तानी एजेंसियों का काम है.

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में रोजाना लोग गायब हो रहे हैं. बलूच लोगों का आरोप है कि यह सीधे तौर पर पाकिस्तानी एजेंसियों का काम है.

author-image
Ravi Prashant
New Update
Baloch news

बलूच न्यूज Photograph: (ANI)

बलूचिस्तान में जबरन गुमशुदगियों और मानवाधिकार उल्लंघनों का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है. पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनेता और जमीअत उलेमा-ए-इस्लाम (फज़ल) के प्रमुख मौलाना फज़ल-उर-रहमान ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि राज्य की एजेंसियां लोगों को गैरकानूनी तरीके से उठा रही हैं.

Advertisment

उन्होंने खैबर पख्तूनख्वा में एक सभा के दौरान कहा कि बलूचिस्तान के युवाओं और कार्यकर्ताओं को वर्षों से जबरन गायब किया जा रहा है और उनके परिवार न्याय की तलाश में लगातार धरने और विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.

हजारों परिवार हैं सड़कों पर

यह बयान ऐसे समय आया है जब बलूचिस्तान में हजारों परिवार अपने लापता प्रियजनों की वापसी की मांग को लेकर सड़कों पर हैं. लंबे समय से चल रहे इस संकट पर अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों ने भी चिंता जताई है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है.

मानवाधिकार संगठन क्या कर रहे हैं? 

अमेरिकी मानवाधिकार वकील और शोधकर्ता रीड ब्रॉडी ने जिनेवा प्रेस क्लब में आयोजित 7वें बलूचिस्तान अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में इस मुद्दे को और मजबूती से उठाया. यह कार्यक्रम संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 60वें नियमित सत्र के साथ आयोजित किया गया था और इसका आयोजन बलूच नेशनल मूवमेंट (BNM) ने किया.

होना चाहिए निष्पक्ष जांच

ब्रॉडी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय बलूचिस्तान की पीड़ा को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकता. उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि वहां हो रही ग़ायबशुदगियों, गैरकानूनी हत्याओं और महिला कार्यकर्ताओं को धमकाने-डराने के मामलों की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच ज़रूरी है. उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से अपील की कि शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में शामिल कैदियों को तुरंत रिहा किया जाए और प्रभावित क्षेत्रों में इंटरनेट सेवा बहाल की जाए.

पीड़ितों का आवाज करना होगा मजबूत

उन्होंने यह भी कहा कि बलूचिस्तान में जवाबदेही की लड़ाई लंबी और कठिन ज़रूर है, लेकिन यह कभी बेकार नहीं जाएगी. “हमें पीड़ितों की आवाज़ को और मज़बूत करना होगा, न्याय की मांग करनी होगी और यह सुनिश्चित करना होगा कि भू-राजनीतिक हित बुनियादी मानवाधिकारों पर भारी न पड़ें,” ब्रॉडी ने कहा.

फज़ल-उर-रहमान का बयान और अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठी आवाज़ ने एक बार फिर पाकिस्तान सरकार पर दबाव बढ़ा दिया है. सवाल यह है कि क्या इस बार बलूचिस्तान के लोगों को न्याय मिलेगा या उनकी पीड़ा एक बार फिर अनसुनी रह जाएगी.

ये भी पढ़ें- हमास ने जलते हुए बंधकों की फोटो की साझा, लिखा यह है 'विदाई तस्वीर'

pakistan news today Pakistan News Updates Pakistan News pakistan Balochistan news balochistan activists Balochistan
Advertisment