संयुक्त अरब अमीरात के साथ सऊदी अरब और कई अन्य खाड़ी देशों ने पाकिस्तान के कम से कम 30 अलग शहरों के लोगों को वीजा देने पर प्रतिबंध लगाया गया है. पाकिस्तानी नागरिकों की विदेशों में भीख मांगने या मादक पदार्थों की तस्करी, मानव तस्करी और अन्य आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के सबूतों के कारण उन पर ये प्रतिबंध लगाया गया है.
खाड़ी देश में लाखों पाकिस्तानी नौकरी के लिए आते हैं. यहां पर दुबई खास जगह है. इस प्रतिबंध से पाकिस्तान की छवि धूमिल हुई है. पाकिस्तानी पासपोर्ट काफी कमजोर होता जा रहा है. उसकी लगातार तीसरे साल दुनिया में चौथी सबसे खराब रैंकिंग रही है. यूएई ने पाकिस्तान के वीजा आवेदकों के लिए पुलिस की ओर से जारी चरित्र प्रमाण पत्र जमा करना जरूरी कर दिया है.
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पाकिस्तानियों को वीजा न देने के कारण
पाकिस्तान पर प्रतिबंध लगाना का सबसे बड़ा कारण भिखारी और ड्रग तस्करी है. यहां पर ये नौकरी वीजा पर आए थे. खाड़ी देशों में पहुंचने के बाद पकड़े गए हैं. कई पाकिस्तानियों को नशीली दवाओं की तस्करी करते हुए भी पकड़ा. खाड़ी देशों में भर्ती करने वाली कंपनियां खासकर मजदूरों को भेजने में शामिल भी फर्जी दस्तावेजों और एक्सपेरिएंस सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर रही हैं.
खाड़ी की कई कंपनियों ने पाकिस्तानियों की शिकायत की है. उनका कहना है कि देश कार्यबल संबंधित नौकरी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने में विफल रहा है. इससे गंभीर समस्याएं उत्पन्न हो रही है. कंपनियां पाकिस्तानी मजदूरों या तकनीशियन को काम नहीं देना चाहती हैं. ये कंपनियां भारत, बांग्लादेश और इंडोनेशिया जैसे देशों से लोगों को काम पर रख रही हैं. इनसे काम लेना आसान है.