भारत से मुंह की खाने के बाद भी पाकिस्तान ने ऐसा माहौल बना रखा है, जैसे पाकिस्तान ने दुनिया की सबसे बड़ी जंग जीत ली हो. फालतू माहौल बनाने का काम करने में तो पाकिस्तान माहिर है. इसी कड़ी में पाकिस्तान ने आर्मी चीफ आसिम मुनीर को फील्ड मार्शल के पद से सम्मानित किया है. भारत से मुंह की खाकर भी पाकिस्तान ने उसे ये सम्मान क्यों दिया, ये तो कोई भी नहीं जानता. बता दें, आसिम मुनीर पाकिस्तान के दूसरे आर्मी चीफ है, जिन्हें फील्ड मार्शल जैसे पद से सम्मानित किया गया है. इससे पहले सिर्फ अयूब खान को ही फील्ड मार्शल बनाया गया था.
कितना अहम होता है पद और कितनी होती है ताकत
फील्ड मार्शल की रैंक थलसेना में सबसे ऊपर होती है. फील्ड मार्शल की वर्दी में पांच स्टार लगे होते हैं. असाधारण सैन्य उपलब्धियों के साथ-साथ किसी विशेष परिस्थिति में ही इसे प्रदान किया जाता है. फील्ड मार्शल को अजीवन सैन्य अधिकारी माना जाता है. ये अधिकारी मृत्यु तक इस रैंक से सम्मानित रहते हैं. उन्हें जिंदगी भर सुख-सुविधाएं मिलती है. पाकिस्तान में मुनीर की ताकत कितनी है, इसका अंदाजा इसी से लगा लीजिए कि उसने पद संभालते ही अपना कार्यकाल तीन साल से बढ़ाकर पांच साल करवा लिया था.
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फील्ड मार्शल मुनीर की कितनी होगी सैलरी
पाकिस्तानी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जनरल मुनीर को हर महीने करीब 2.5 लाख रुपये मिलते है, जो भारत की मुद्रा में करीब 75 हजार रुपये के बराबर होता है.
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शहबाज सरकार चुका रही मुनीर का एहसान
रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की आम जनता मुनीर से परेशान है. लेकिन पाकिस्तानी सरकार ने मुनीर को इस पद से सम्मानित करते पाकिस्तानी आवाम के मुंह पर तमाचा मारा है. पाकिस्तानी सरकार ने दिखा दिया है कि उसे जनता से कोई मतलब नहीं है और वह मजबूती से मुनीर के साथ खड़ी है. हालांकि, एक्सपर्ट्स कह रहे हैं कि शहबाज शरीफ आसिम मुनीर के एहसानों को चुका रहे हैं. क्योंकि आसिम मुनीर की मदद से ही शहबाज सरकार सत्ता पर काबिज हो पाई थी.
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